Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

कृषि मूल्य आयोग को पूर्ण स्वायत्ता देने में हिचक क्यों : अन्ना हजारे

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)| गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने 11 मांगें पूरी माने लेने के केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद भले ही अनशन तोड़ दिया हो, लेकिन उन्होंने सरकार को चेताया है कि अगर आश्वासन के अनुरूप तय समय-सीमा में मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह दोबारा रामलीला मैदान में आ धमकेंगे और फिर से आंदोलन करेंगे।

अन्ना कहते हैं कि किसानों के हित के लिए कृषि मूल्य आयोग लंबे अरसे से बना हुआ है, लेकिन उसे पूर्ण स्वायत्ता अब तक नहीं दी गई। आयोग में सरकार के हस्तक्षेप का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलने से सबसे ज्यादा पीड़ित है। कृषि मूल्य आयोग को स्वायत्ता मिल जाएगी तो किसानों को फसलों के दाम को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा। समझ नहीं आता, सरकार हिचक क्यों रही है?

अन्ना (80) ने रामलीला मैदान में अनशन तोड़ने से पहले आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, अजीब विडंबना है कि कृषि प्रधान देश में किसानों को ही आंदोलन के जरिए अपनी बातों को सरकार के समक्ष रखना पड़ता है। भूखा रहना किसे पसंद है, लेकिन किसानों को अनशन करना पड़ता है, ताकि उनके बच्चों का पेट भर सके।

वर्ष 2011 के आंदोलन में उमड़ी भीड़ की तुलना में इस बार के सत्याग्रह आंदोलन में केजरीवाल सहित तमाम नेताओं की गैरमौजूदगी के सवाल पर अन्ना ने कहा, मैं शुरू से ही राजनीति में जाने के खिलाफ रहा हूं। यह अनशन, यह मंच किसानों का है। हमने आंदोलन की 20 सदस्यीय राष्ट्रीय कोर समिति के सदस्यों से पहले ही एफिडेविट पर साइन करा लिए थे कि वे किसी भी पार्टी में न तो शामिल होंगे और न ही किसी नई पार्टी का गठन करेंगे।

अन्ना ने लोकपाल कानून और लोकायुक्त की नियुक्ति, किसानों की फसल का वाजिब दाम मिलने और चुनाव सुधारों की मांगों को लेकर 23 मार्च को सत्याग्रह शुरू किया था।

अन्ना कहते हैं, हमारी बहुत बड़ी मांगें नहीं हैं, जो सरकार पूरा नहीं कर सकती। हम चाहते हैं कि कृषि संकट से निपटने के लिए एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए। कृषि पर निर्भर 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को सरकार की ओर से हर माह 5,000 रुपये पेंशन मिले। कृषि मूल्य आयोग को तुरंत पूर्ण स्वायत्ता मिलनी चाहिए। कृषि फसल के सामूहिक बीमा के बजाए व्यक्तिगत बीमा करना शुरू हो। लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और 63 में संशोधन हो। वोटों की गिनती के लिए टोटलाइजर मशीन का इस्तेमाल हो।

सरकार द्वारा आंदोलन को गंभीरता से नहीं लेने के सवाल पर अन्ना कहते हैं, अगर सरकार किसानों को गंभीरता से नहीं लेगी तो फिर देश की जनता भी उन्हें गंभीरता से लेना बंद कर देगी। जो सरकार अन्नदाता का ख्याल नहीं रख सकती, उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।

अन्ना केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहते हैं, सरकार कारोबारियों के बारे में जितना सोचती है, उसका यदि दो प्रतिशत भी किसानों के बारे में सोचे तो काफी हद तक किसानों की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।

इस बार के बजट में कृषि और किसानी को खास तवज्जो दिए जाने के सवाल पर अन्ना हजारे कहते हैं, सिर्फ कहने भर से कुछ नहीं होता। कहने को तो किसानों को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है, लेकिन उसे लागू कैसे और कब से किया जाएगा, इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है। सिर्फ पैसा आवंटित कर देने से किसी का भला हुआ है क्या?

Continue Reading

नेशनल

महाराष्ट्र के वाशिम में बोले सीएम योगी- ‘बंटिए मत, बंटे थे तो कटे थे’, एक हैं तो सेफ हैं

Published

on

Loading

वाशिम। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के वाशिम में एक जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने एक बार अपना पुराना बयान दोहराया। सीएम योगी ने कहा कि बंटिए मत, क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं। अपनी ताकत का एहसास करवाइए, जातियों में मत बंटना। इस दौरान सीएम योगी ने अयोध्या, काशी और मथुरा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में अभी भगवान राम ने दिवाली का आनंद लिया है। पूरी दुनिया ने देखा कैसे अयोध्या दीपों से जगमगा रही थी। ये तो शुरूआत है, केवल अयोध्या ही नहीं, अब तो हम काशी और मथुरा की तरफ भी बढ़ चुके हैं।

सीएम योगी ने आगे कहा कि वाशिम विधानसभा क्षेत्र में उमड़ा यह अपार जन सिंधु महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस दुष्ट अफजल को मार गिराया था उसके नाम पर औरंगाबाद का नाम होना, याद करना इसको हटना ही चाहिए था, इसे संभाजीनगर के रूप में पहचान मिलनी ही थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का संघर्ष हो या संभाजी महाराज का, हमें नई प्रेरणा देता है। छत्रपति शिवाजी महाराज हम सबको एकजुट करके लेकर गए थे। हर भारतवासी को अपने साथ जोड़े थे। अपनी सेना का हिस्सा बनाए थे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में दो महा गठबंधन चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरफ महायुति गठबंधन है और दूसरी और महा अघाड़ी के रूप में ‘महाअनाड़ी’ गठबंधन है। मैं अनाड़ी इसलिए कहता हूं जिसे राष्ट्र की चिंता नहीं हो, वह अनाड़ी ही होगा। एक समय था जब आतंकवादी देश में घुसकर विस्फोट करते थे, आज पीएम मोदी के नेतृत्व में कोई सीमा पर अतिक्रमण करता है तो उसका राम नाम सत्य हो जाता है। सीएम योगी ने वाशिम में शिवाजी बनाम औरंगजेब का वैचारिक मुद्दा उठाकर हिन्दुत्व को तेज धार देने वाली स्पीच दी।

योगी ने कहा कि जिस तरह से वाशिम विधानसभा क्षेत्र में लोग उमड़े हैं, यह महाराष्ट्र में भाजपा की विजय गाथा लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताएं तो आएंगी-जाएंगी, लेकिन हमारा ‘भारत’ रहना चाहिए और ‘भारत’ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनना चाहिए। विपक्षी कहते थे राम हुए नहीं, कृष्ण हुए नहीं, आज भले ये चुनाव में कह रहे हो लेकिन इन पर भरोसा मत करिएगा। राम हमारी रग-रग में हैं, कण-कण में हैं। इसके अलावा सीएम योगी ने आगे कहा कि बंटिए मत! क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे। एक हैं तो नेक हैं, एक हैं तो सेफ हैं।

Continue Reading

Trending