नेशनल
न्यायपालिका में सरकारी हस्तक्षेप की बात से सहमत वकील
नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकीलों ने न्यायमूर्ति जे. चेलेमेश्वर की उस चिंता से सहमति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार न्यायाधीशों की नियुक्ति में हस्तक्षेप कर रही है। वकीलों ने कहा है कि ‘स्वतंत्र सोच वाले न्यायाधीशों’ की नियुक्ति में सरकार ‘बहुत ज्यादा’ हस्तक्षेप कर रही है।
इसे एक चेतावनी करार देते हुए, प्रमुख शीर्ष वकीलों ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों आग्रह किया है कि उन्हें न्यायपालिका को सरकार से बचाने इसकी स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए ‘निर्णायक रूप से काम’ करना चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा, सरकार बहुत ज्यादा हस्तक्षेप कर रही है।
वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने आईएएनएस से कहा, न्यायपालिका के प्रशासन में सरकारी हस्तक्षेप न्यायपालिका को खत्म कर देगा।
विकास सिह ने कहा, मोदी सरकार को ‘बेहतरीन नामों’ में कोई रुचि नहीं है, लेकिन ‘स्वतंत्र सोच वालों के नाम रोकने’ में निश्चित रूप से उसकी रुचि है। अगर कॉलेजियम ने अपना काम सावधानी से किया होता, तो केंद्र को इसमें हस्तक्षेप करने का बहुत कम मौका मिलता।
दवे ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को नींद से जागने और सरकारी हस्तक्षेप रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया।
वकीलों की चिंता के पीछे सरकार का वह कदम है, जिसके तहत वह उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण से संबंधित कॉलेजियम की सिफारिश पर कुंडली मारकर बैठी हुई है।
यह बात न्यायमूर्ति चेलेमेश्वर ने अपने पत्र में कही है। उन्होंने कहा है, कुछ समय से, हमारा बुरा अनुभव यह है कि सरकार ने हमारे प्रस्तावों को अपवाद के रूप में स्वीकार किया और ज्यादातर उनपर कुंडली मारकर बैठी रही है। इसके जरिए असुविधाजन मगर योग्य न्यायाधीशों को या न्यायाधीश बनने वालों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए 230 लोगों के नामों की सिफारिश की गई है, जो सरकार के पास लगभग डेढ़ साल से लंबित है।
यहां तक कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.एम. जोसेफ और वरिष्ठ वकील इंदु मल्होत्रा के नाम भी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए सरकार के पास लंबित पड़े हैं।
सर्वोच्च न्यायालय में कुल 31 न्यायाधीश रह सकते हैं, जबकि वर्तमान में वहां 27 न्यायाधीश हैं। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा समेत छह अन्य इस वर्ष सेवानविृत्त होने वाले हैं। न्यायमूर्ति मिश्रा दो अक्टूबर को सेवानिवृत्त होंगे।
इसी प्रकार न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल चार मई को, न्यायमूर्ति चेलमेश्वर 22 जून को, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल छह जुलाई को, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ 29 नवंबर को और न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर 30 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे।
अगर सरकार ने न्यायाधीशों की नियुक्ति में इस तरह की देरी जारी रखी तो, उपरोक्त न्यायाधीशों के सेवानिवृत्त होने बाद सर्वोच्च न्यायालय में केवल 21 न्यायाधीश रह जाएंगे।
पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता और वरिष्ठ वकील बिश्वजीत भट्टाचार्य ने आईएएनएस से कहा, सत्ता को न्यायपालिका से पृथक करने, कानून का शासन बनाए रखने और न्यायापालिका की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए उठाए गए मुद्दे काफी महत्वपूर्ण हैं।
जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने आईएएनएस से कहा कि न्यायमूर्ति चेलेमेश्वर द्वारा प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को 21 मार्च को लिखे गए पत्र ने उन बातों को एक बार फिर दोहराया है, जिसे 12 जनवरी को संवाददाता सम्मेलन में चार न्यायाधीशों ने कहा था। सरकार न्यायापालिका में बुरी तरह हस्तक्षेप कर रही है और इसकी स्वतंत्रता से समझौता करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की समझौतावादी न्यायपालिका लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है।
नेशनल
केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के
कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।
सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।
चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट
पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।
-
लाइफ स्टाइल13 hours ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
ऑफ़बीट3 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
नेशनल3 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
नेशनल3 days ago
संजय राउत को महाराष्ट्र के नतीजे मंजूर नहीं, कहा- ये कैसा लोकतंत्र है, प्रदेश की जनता के साथ हुई बेईमानी
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS AUS : दूसरी पारी में मजबूत स्थिति में भारत, केएल राहुल और यशस्वी ने जड़ा अर्धशतक
-
नेशनल3 days ago
महाराष्ट्र के रुझानों में महायुति को प्रचंड बहुमत, MVA को तगड़ा झटका
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार