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जानिए क्यों बढ़ गई है दलितों के विरोध की वजह से मोदी सरकार की टेंशन

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मोदी सरकार

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नई दिल्ली। मोदी सरकार को केंद्र की  सत्ता में आए लगभग 4 साल हो गए हैं। इन चार सालों में मोदी सरकार ने कई आंदोलन देखे हैं। इन आंदोलन की एक खास बात यह है कि ज्यादातर आंदोलन दलितों ने किया है। मोदी सरकार एक बार फिर दलितों के मुद्दे पर उलझती नजर आ रही है। दलितों के मुद्दो की बात हो उससे पहले यह जान लेते हैं कि राजनीति में दलित कितने महत्वपूर्ण हैं।

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किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता में आने के लिए दलित वोटों की खास जरुरत होती है। अगर आंकड़ो की बात की जाए तो भारत में लगभग 20 फीसदी आबादी दलितों की है। संसद में दलितों सांसदों की संख्या 131 है जिनमें 84 SC कैटगरी के हैं। वहीं ST कैटगरी के 47 सांसद हैं। माना जाता है कि दलितों का झुकाव जिस तरफ होता है वो ही सत्ता पर काबिज होता है। चाहे वो केंद्र की सत्ता हो या फिर राज्य की सत्ता। इन चार सालों में कई बार दलित आंदोलन हुए हैं।

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हर बार आंदोलन हुआ लेकिन बीजेपी पर इसका कोई खास असर नहीं देखने को मिला। लेकिन इस बार बीजेपी दलितों के मुद्दो पर ज्यादा एक्शन में दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट के त्वरित सुनवाई से इंकार के बाद से केंद्र सरकार के लिए परेशानी बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। माना जा रहा है कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव से पहले अगर कोई रास्ता नहीं निकाला तो होने वाले विधानसभा चुनाव में उनको खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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कर्नाटक में 23 फीसदी दलितों की संख्या है ऐसे में बीजेपी होने वाले चुनाव के मद्देनजर दलितों को नाराज नहीं करना चाहती। SC/ST Act में बदलाव के विरोध में चल रहे आंदोलन में जो राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं उन राज्यों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ है। गौर करने वाली बात यह है कि इन राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में दलितों का यह आंदोलन चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए घातक साबित हो सकता है।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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