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प्रादेशिक

‘पहले तो पिलाई शराब, फिर दोस्ती के नाम पर किया ये काम’

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गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के ग्यासपुर के रहने वाले बॉबी त्यागी की हत्या और किडनैपिंग के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बॉबी त्यागी बीते लगभग तीन माह से लापता था। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के पास से मृतक की बाइक और पैसे बरामद किये हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वैभव कृष्णा ने कहा कि, 18 मार्च को अजीत नाम के एक व्यक्ति ने अपने भाई बॉबी के तीन माह से लापता होने की एफआईआर दर्ज करवाई थी। बॉबी त्यागी 19 दिसंबर से लापता है।

पुलिस को जांच में पता चला कि उस दिन ही बॉबी की बागपत ले जाकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी की निशानदेही पर बागपत से मृतक का कटा हुआ सिर और उसके कपड़े बरामद हुए हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि आरोपी प्रदीप और मृतक बॉबी एक ही परिवार के हैं और रिश्ते में भाई हैं।

पुलिस को प्रदीप ने बताया कि उसने पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए प्रदीप की हत्या कर दी। दोनों ही परिवारों में अबतक तीन हत्याएं हो चुकी हैं। इस रंजिश के चलते मारा जाने वाला ये चौथा शख्स है। पुलिस के अनुसार, वर्ष 1989 में खेत में पानी के रास्ते को लेकर बॉबी के परिवार और प्रदीप के परिवार में झगड़ा हुआ था। जिसमें प्रदीप के दादा की हत्या कर दी गई थी।

इस हत्या का बदला प्रदीप के परिवारीजनों ने एक साल बाद बॉबी के पिता की हत्या कर लिया। इसके कुछ समय बाद ब़़ॉबी ने प्रदीप की हत्या कर दी। आरोपी ने कहा कि उसने यह सब मां के कहने पर किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रदीप और बॉबी में दोस्ती थी। पुलिस के पूछे जाने पर प्रदीप ने कहा कि, दोस्ती का फायदा उठाकर वह बॉबी को बागपत अपने साले के घर ले गया।

जहां पर दोनों ने जमकर शराब पी। जहां वह खेत में सुशील, मनोज और बाबू राम के साथ शराब पी रहे थे। इस दौरान बॉबी और प्रदीप के बीच में झगड़ा होने लगा। प्रदीप ने फावड़े से बॉबी का सिर धड़ से अलग कर दिया। हत्या करने के बाद उसका सिर गन्ने के एक अलग खेत में और धड़ एक अलग खेत में दफना दिया। फिर उसके पैसे और मोटरसाइकिल को गायब कर दिया।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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