नेशनल
SC ने खारिज की दाऊद की मां-बहन की याचिका, संपत्तियां होंगी जब्त
सुप्रीम कोर्ट ने भारत के मोस्ट वांटेड अंडर्वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की मां अमीना बी और हसीना पारकर की याचिका को खारिज करते हुए दाउद की सम्पतित को जब्त करने का आदेश दे दिया है।
दाऊद के भारत से भागने के बाद उसकी संपत्तियों पर उसकी मां और बहन का ही कब्जा रहा है। इससे पहले 1998 में SFEMA ऐक्ट के तहत ट्रिब्यूनल ने दाऊद की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था। शुक्रवार को जस्टिस आरके अग्रवाल की बेंच ने हसीना पारकर और अमीना बी की याचिका को खारिज किया।
The Supreme Court bench, headed by Justice R K Agrawal dismissed the plea filed by underworld don Dawood Ibrahim’s family against the attachment of Dawood's properties in Mumbai.
— ANI (@ANI) April 20, 2018
ट्रिब्यूनल के इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने भी ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखा था। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा हसीना पारकर और अमीना बी की याचिका को खारिज किए जाने के बाद दाऊद की संपत्तियों का जब्त होना तय हो गया है।
पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक, हसीना पारकर अपने भाई की 54 बेनामी प्रॉपर्टी की देखरेख करती थीं। नागपाड़ा में 6 होटल, पीर खान रोड में गुड लक लॉज आदि शामिल हैं। हसीना पारकर के खिलाफ 88 केस रजिस्टर थे, लेकिन बताया जाता है कि वह अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही कोर्ट गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना पांच हजार करोड़ रुपए की संपत्ति की मालकिन थी. वह मुंबई से ही विदेश में बैठे अपने भाई दाऊद इब्राहिम का अवैध बिजनेस देखती थीं। 6 जुलाई 2014 को हसीना की मौत हो गई थी। उसकी अंतिम यात्रा में 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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