IANS News
भाषाओं का फर्क मिटाने को अनुवाद को मिले बढ़ावा : किरन मनराल
नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)| भाषा की उत्पत्ति का मूल उद्देश्य विचारों का आदान-प्रदान करना और समाज के सभी लोगों को एक दूसरे से जोड़ना रहा है, लेकिन आज के समय में जब आमतौर पर भाषा का इस्तेमाल विभाजन करने, श्रेष्ठता का प्रभाव जमाने और खुद को दूसरों से अलग और संभ्रांत दर्शाने के लिए किया जाता है, ‘ऐसे में हमारे देश की विभिन्न भाषाओं के खजाने की अहमियत को समझना समय की जरूरत है’। यह कहना है प्रतिभाशाली लेखिका किरन मनराल का।
टेड टॉक स्पीकर मनराल जिनकी फिक्शन और गैर-फिक्शन दोनों में कुल मिलाकर आठ किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, उनका मानना है कि इसका एक तरीका है – मातृभाषा और हमारे देश में विभिन्न भाषाओं का जो प्रचुर खजाना है, उसके इस्तेमाल को बढ़ावा देना।
किरन ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, हम भारतीय बहुभाषी हैं और यह एक खूबसूरत तथ्य है..सभी भाषाओं की उत्पत्ति विचारों के अदान-प्रदान की मूलभूत जरूरत के चलते हुई है। हमारे पास हमारी मातृभाषा होती है और उसके बाद आमतौर पर हिंदी और अंग्रेजी। हमें अपनी भाषाओं की प्रचुरता पहचानने और इसकी सराहना करने की जरूरत है, शायद और किसी देश में इतनी ज्यादा आधिकारिक भाषाएं नहीं हैं, इनके अलावा क्षेत्रीय भाषाएं और बोलियां भी हैं, जिनमें से कुछ दुर्भाग्यवश लुप्त हो रही हैं। हर भाषा के साथ उसकी पूरी लिखित संस्कृति है..हमारे पास भाषाओं का इतना प्रचुर खजाना है। हमें इसका सम्मान करना चाहिए न कि अपनी भाषाओं को हमारे बीच मतभेद उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
यह बहुभाषावाद, जो हमारे देश की पुरानी ताकतों में से एक हुआ करता था, अब देश के लिए एक बड़े खतरे की तरह उभर रहा है, और इसका इस्तेमाल कर धर्म, बहुलता/अल्पसंख्यकों के नाम पर दरारें पैदा की जा रही हैं।
भाषाओं के बीच के फर्क को कैसे मिटाया जा सकता है? इस सवाल पर वह कहती हैं, मुझे लगता है कि हमारे देश में एक साथ कई भाषाओं का होना हमारी मिली-जुली संस्कृति और विरासत का खूबसूरत उदाहरण है। भाषाओं का फर्क मिटाने के लिए हमें अनुवाद को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि हम विभिन्न भाषाओं के लेखन का लाभ उठा सकें। साथ ही हमें विभिन्न पहलों से लिखित और मौखिक दोनों प्रारूपों में मातृभाषाओं के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की जरूरत है।
किरन मनराल जो खुद एक अंग्रेजी लेखिका हैं, उनसे यह पूछे जाने पर कि क्या कभी वह हिंदी में भी लिखना चाहेंगी, उन्होंने बेहद सकारात्मकता से कहा, मुझे उम्मीद है, मैं कभी ऐसा जरूर करूंगी, लेकिन उसके लिए मुझे पहले अपने हिंदी भाषा के कौशल को सुधारने की जरूरत है।
मनराल सौभाग्यशाली हैं कि वह ऐसे मंच पर हैं, जहां से वे गंभीर सामाजिक मुद्दों को उठा सकती हैं और इस नाते वह अपने साहित्यिक कार्यो में व्यस्त रहने के बावजूद अपनी इस सामाजिक जिम्मेदारी को बखूबी निभाती हैं, इन दोनों में दक्षतापूर्वक संतुलन बैठाते हुए।
मनराल सोशल मीडिया पर कई वर्षो तक चले बाल यौन दुर्व्यवहार जागरुकता माह (सीएसएएएम) और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जागरुकता माह (वीएडब्ल्यूएएम) अभियानों के संस्थापक सदस्यों में से एक रही हैं। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद उन्होंने एक स्वयंसेवी नेटवर्क ‘इंडिया हेल्प्स ‘ की भी स्थापना की, जिसने इस आपदा पीड़ितों और साथ ही 13/7 मुंबई विस्फोट के पीड़ितों के लिए काम किया।
मनराल एक शानदार ब्लॉगर भी रही हैं, जिसमें उन्होंने बेहद सहज तरीके से मातृत्व से लेकर नारीवाद से जुड़े हर विषय पर लिखा। उनके ब्लॉग्स को भी काफी पसंद किया गया।
आज के दौर में हर पृष्ठभूमि के लोग किताबें लिख रहे हैं। यह चलन लेखन की दुनिया के लिए अच्छा है या बुरा, इस बारे में उनका क्या ख्याल है, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, इस बात को लेकर मेरे दोनों ही विचार हैं। मुझे लगता है कि हर किसी के पास कहने के लिए कोई न कोई कहानी होती है, लेकिन साथ ही मैं मानती हूं कि हर कोई कहानी कहने की कला में पारंगत नहीं हो सकता। आमतौर पर ज्यादातर लोग सोचते हैं कि कहानी ही मायने रखती और वे यही करते हैं – वे सिर्फ कहानी लिखते हैं। लेकिन फिक्शन लिखना इससे भी कहीं बढ़कर है। इसके लिए लेखन की बारीकियों को समझना, शैली, भाषा और सही शब्दों के चयन के प्रति लगाव और किरदारों को एक सही शक्ल में ढालने की जरूरत होती है। एक रोचक कहानी और एक अच्छी किताब के लिए इन सभी चीजों का सही तालमेल होना जरूरी है। और आखिरकार, पाठक ही फैसला करते हैं कि उनके दिल को क्या छुएगा।
अब एक सफल लेखक और पहले एक पत्रकार रह चुकीं किरन मनराल को दोनों में से क्या ज्यादा चुनौतीपूर्ण लगता है? इस सवाल पर उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो, मुझे लगता है कि दोनों की ही अपनी चुनौतियां और मांग होती हैं जो एक दूसरे से काफी अलग होती हैं। पत्रकारिता में कोई भी मामले की नब्ज को पकड़ना, शोध करना और तथ्यों को जितना हो सके संक्षेप में कहना सीखता है। और मुझे लगता है कि फिक्शन लिखते समय ये सभी चीजें बेहद काम आती हैं, क्योंकि इसमें भी लेखक महसूस करता है कि शोध का कितना महत्व है और उतना ही कहानी के प्रवाह का, एक पाठक के तौर पर हर चीज पर सवाल उठाना, तथ्यों पर भरोसा करना लेकिन साथ ही तर्क के बजाय अपने ज्ञान के भी इस्तेमाल से कहानी कहने का महत्व होता है। हालांकि पत्रकारिता में कहानी पूरी हो गई तो हो गई।
उन्होंने कहा, लेकिन फिक्शन में आप कहानी की रचना करते हैं, आप उसे जन्म देते हैं और वह हमेशा हमेशा के लिए आपके साथ रहती है।
IANS News
टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया
दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।
वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।
यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।
फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।
-
वीडियो1 day ago
बीच रोड पर हो गई स्कूली लड़कियों की भयंकर लड़ाई, देखें वीडियो
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
नाइजीरिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लोगों ने लगाए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे
-
नेशनल2 days ago
दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
हिजबुल्लाह ने इजरायल के पीएम नेतन्याहू के घर पर किया रॉकेट से हमला, वीडियो आया सामने
-
नेशनल2 days ago
DRDO ने हाइपरसोनिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण, 1500 किमी से अधिक दूरी तक ले जा सकती है पेलोड
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़
-
नेशनल1 day ago
राहुल गांधी का पीएम मोदी पर निशाना, कहा- देश के प्रधानमंत्री मंच से झूठ बोलते हैं
-
नेशनल1 day ago
G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी