उत्तराखंड
VIDEO : भारत के इस वीर को जानते हैं आप? अंग्रेज़ भी हो गए थे हक्के-बक्के
भारत की आज़ादी में पेशावर कांड के नायक रहे वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के योगदान को कौन नहीं जानता है। बिना हथियारों का इस्तेमाल किए अंग्रेज़ों के पैरों तले ज़मीन खिसका देने वाले पेशावर कांड को आज़ादी की बड़ी लड़ाइयों में से एक माना जाता है।
‘पेशावर कांड’ की वर्षगांठ पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के योगदान को याद करते हुए यह कहा कि भारत की आज़ादी के लिए ‘पेशावर कांड‘ एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।
मुख्यमंत्री ने पेशावर कांड की वर्षगांठ के मौके पर जारी अपने संदेश में कहा कि पेशावर कांड ने देश की आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत की आजादी में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली तथा उनके साथियों का योगदान अद्वितीय है । यह महत्वपूर्ण घटना भारत की आजादी के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है।
कौन थे वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, क्या है पेशावर कांड
23 अप्रैल 1930 को हवलदार मेजर चन्द्र सिंह गढ़वाली के नेतृत्व में रॉयल गढ़वाल राइफल्स के जवानों ने भारत की आज़ादी के लिए लड़ने वाले निहत्थे पठानों पर गोली चलाने से मना कर दिया था।
बिना गोली चले, बिना बम फटे पेशावर में इतना बड़ा धमाका हो गया थी कि एकाएक अंग्रेज भी हक्के-बक्के रह गये, उन्हें अपने पैरों तले जमीन खिसकती हुई सी महसूस होने लगी थी। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को भारतीय इतिहास में पेशावर कांड के नायक के रूप में याद किया जाता है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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