Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

महिला नागा साधू अपने साथ वो करती हैं, जो मरने के बाद किसी के साथ किया जाता है

Published

on

Loading

नई दिल्ली। जब आप भारतीय परंपरा से रूबरू होते हैं तो कभी-कभी ये परम्पराएँ आपको लुभाती हैं तो कभी-कभी चौंकाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा से आज हम आपको रूबरू कराने जा रहें हैं। ये परंपरा है महिलाओं के नागा साधू बनने की। कई लोगों ने इस बारे में गलत सुन रखा होगा तो वही कुछ लोगों का तो इस बारे में मानना है कि महिला नागा साधू जैसा कुछ नहीं होता। लेकिन इस विचित्र परंपरा के कुछ सच आज हम आपको बताएंगे।

 

एक महिला को नागा साधू बनने से पहले उसे 6 से 12 साल के कठिन ब्रम्हचर्य का पालन करना पड़ता है। जिस महिला को साधू बनना हो, उसे अपने गुरु को विश्वास दिलाना होता है कि वह महिला ब्रह्मचर्य का पालन कर सकती है। तभी उसे गुरु महिला नागा की दीक्षा देता है। सबसे आश्चर्य की बात ये है कि हिन्दू परंपरा में किसी इंसान के मरने के बाद उसका पिंड दान किया जाता है लेकिन नागा साधू बनने से पहले महिला को अपना पिंड दान स्वयं करना पड़ता है। महिला को नागा बनते ही अपने सिर का मुंडन करवाना पड़ता है। मुंडन के बाद नदी में स्नान कराया जाता है। इन सब के बाद सबसे कठिन कार्य महिला को अपने परिवार का मोह भंग करना पड़ता है।

आम तौर पर पुरुष नागा हमेशा निवस्त्र रहता है लेकिन महिला नागा हमेशा ही एक पीला वस्त्र पहनती है। नागा बनते ही महिला को सभी लोग ‘माता’ कह कर पुकारते है। साधू बनने के लिए इन प्रक्रियाओं से सबको गुज़रना पड़ता है, चाहे वो महिला नागा साधू हो या पुरुष नागा साधू।

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

Published

on

Loading

लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

Continue Reading

Trending