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प्रादेशिक

शख्स ने गेहूं काटने से किया मना, तो पहले पेड़ बांधकर पीटा, मूछ उखाड़ी फिर पिलाया मूत्र

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इस समय रबी फसल की कटाई जोरो पर चल रही है। किसान जल्दी-जल्दी अपनी फसल काट कर घर पहुंचाने की सोच रहे हैं। इसी दौरान यूपी के बदायूं ज़िले से एक घटना सामने आई है, जिसमें एक शख्स को पहले पेड़ से बांधकर पीटा गया फिर उसकी मूछ उखाड़ी। ये सब सिर्फ उसके साथ इस लिए किया गया क्योंकि उस शख्स ने गेहूं काटने से मना कर दिया था।

यह घटना बदायूं जिले के हजरतपुर इलाके के आजमपुर बिसौरिया गांव की है। एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के आदेश पर घटना के सात दिनों बाद रविवार को चार आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस की जांच में पहली नज़र में मारपीट की पुष्टि हुई है। हजरतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम आजमपुर बिसौरिया निवासी सीताराम परिवार चलाने के लिए खेती के साथ मजदूरी भी करते हैं।

सीताराम का आरोप है कि 23 अप्रैल की शाम गांव के ठाकुर विजय सिंह, उनके भाई शैलेंद्र, पिंकू सिंह और विक्रम सिंह ने अपने गेहूं काटने को कहा था। सीताराम ने कहा कि वह अपने खेत के गेहूं काट रहे हैं। दो दिन बाद खाली होने पर उनके गेहूं काट देंगे। इस पर वे बौखला गए और गालियां देने लगे।

विरोध पर उनको पीटा गया और जबरन अपनी चौपाल पर ले गए। जहां पेड़ से बांधकर उसे पीटा गया। इतने पर भी गुस्सा शांत नहीं हुआ तो मूंछ उखाड़ ली और जूते में मूत्र भरकर जबरन पिलाया। उनके चंगुल से छूटने के बाद सीताराम ने हजरतपुर थाने जाकर शिकायत की। मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। दबंगों के डर से पीड़ित सीताराम अपनी रिश्तेदारी में बरेली के थाना सुभाषनगर क्षेत्र के करेली गांव चला गए। वहां 26 अप्रैल को आईजी बरेली को शिकायती पत्र भेजा। रविवार सुबह इस मामले का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें सीताराम घटना के बारे में बता रहे हैं।

रविवार दोपहर सीताराम परिवार समेत एसएसपी कार्यालय जाकर एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के सामने पेश हुए और घटना की जानकारी दी। एसपी सिटी के आदेश पर हजरतपुर पुलिस ने आरोपी विजय सिंह, उसके भाई शैलेंद्र सिंह, पिंकू सिंह और विक्रम सिंह के खिलाफ मारपीट व धमकी देने की धारा 323, 504, 506, 342 और मूंछ उखाड़ने व पेशाब पिलाने की धारा 31 (ड़) (क) (ग) के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इसके बाद सीताराम का मेडिकल परीक्षण कराया गया।

एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि सीताराम की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। वहीं सीओ उढानी भूषण वर्मा को मौके पर भेजा गया। सीओ की जांच में सीताराम के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। साथ ही पेड़ से बांधने की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने आगे बताया कि मूछ उखाड़ने और मूत्र पिलाने की बात झूठी निकली है। अभी मामले की जांच की जा रही है। सच्चाई के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। थाना हजरतपुर इंस्पेक्टर राजेश कुमार का कहना है कि सीताराम ने गेहूं काटने के लिए विक्रम सिंह से 6 हजार रुपये लिए थे। जिसके बाद भी उसने उनके गेहूं नहीं काटे और किसी और के गेहूं काटने चला गया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज हुई थी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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