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चिता में लेटे शव के कपाल को डंडे से मारना: जानिए हिन्दू धर्म की सबसे वीभत्स परंपरा

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नई दिल्ली। हिन्दू धर्म को जब आप भीतर जाकर देखतें हैं तो आपको पता चलता है कि श्रद्धा और विश्वास किसे कहते हैं? ऐसी-ऐसी परम्पराएँ, ऐसी-ऐसी प्रथाएं जो हरदम तैयार रहती हैं आपको चौकाने के लिए। लेकिन हर चौकाने वाली प्रथा के पीछे कोई न कोई कारण होता है। इसी तरह की एक प्रथा है जो देखने में बड़ी वीभत्स लगती है। लेकिन इसके पीछे भी एक कारण है। मुर्दे के सिर पर डंडा मारने की प्रथा का भी एक कारण है।

अगर कभी आप किसी मृतक की अंतिम यात्रा में शमशान घाट तक गए हों और अंतिम संस्कार की पूरी क्रिया देखी होगी तो आपने देखा होगा कि जब मृतक का शव जल रहा होता है तो उसके पुत्र द्वारा या मुखोग्नी देने वाले द्वारा उसके सिर पर डंडा मारा जाता है। हिंदु धर्म के अनुसार मृतक व्यक्ति के पास अगर किसी तरह की तंत्र-मंत्र की विद्या हो तो ऐसा करने से वो किसी और के हाथ नहीं आएगी। मृत्यु के बाद जलाते वक्त अगर मुर्दे के सिर पर डंडा नहीं मारा जाता है तो कोई भी तांत्रिक इस विद्या को चुरा सकता है और गलत कामों में इस्तेमाल कर सकता है। इतना ही नहीं वो इस विद्या की मदद से मृतक की आत्मा को भी वश में कर सकता है और किसी भी तरह के बुरे कामों को अंजाम दे सकता है।

ये सब मान्यताएं बहुत पुराने समय से चली आ रही हैं। अब इनमे कितनी सच्चाई है इसका दावा तो हम नहीं कर सकते। ये लोगों के विश्वास पर निर्भर करता है। हम इस प्रकार की किसी भी मान्यता का खंडन-मंडान नहीं कर रहें हैं।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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