Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

दोस्ती की कलम से आईएएस बनने का लक्ष्य!

Published

on

Loading

धमतरी। साठ के दशक में बनी फिल्म ‘दोस्ती’ में आंख और पैर से नि:शक्त दो मित्रों की कहानी का बेहतर तरीके से फिल्मांकित किया गया था। फिल्म काफी सफल रही और आज भी उसके सदाबहार गीत गुनगुनाए जाते हैं। ऐसी ही एक दोस्ती पिछले तीन साल से निभाई जा रही है और जिसका लक्ष्य है भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के लिए चयनित होना। पीजी कॉलेज धमतरी में रविशंकर विश्वविद्यालय की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। लोगों की नजर कक्षाओं में परीक्षा दे रहे विद्यार्थियों पर थी तो विजन न्यूज सर्विस के प्रतिनिधि की जिज्ञासा इस बात पर थी कि दो छात्राओं को कक्षा से बाहर क्यों कर दिया गया है। पहले तो लगा कि जगह के अभाव में ऐसा किया गया होगा। फिर एक ही टेबल और बेंच पर दो छात्राओं का मामला समझ में नहीं आया। क्योंकि कुरूद की दोनों बेटियां प्रथमदृष्टया में किसी भी तरह से शारीरिक रूप से अक्षम नहीं लग रही थीं। परीक्षा के तीन घंटे पूरे होने का इंतजार किया गया जिसके बाद जो हकीकत सामने आया वह सचमुच में बेटियों के नाम से सीना चौड़ा करने वाला था।

कुरूद के टिकेश्वर चन्द्राकर की बेटी कुमारी आकांक्षा चन्द्राकर जन्मजात दृष्टिहीनता की शिकार है। लेकिन पढ़ाई-लिखाई के साथ बाकी कामकाज में उसकी कोई सानी नहीं है। पिता ने बेटी की कुशाग्रता को परखा और कोई कसर नहीं छोड़ा उसके आगे बढ़ने में। आज आकांक्षा बीए अंतिम की परीक्षा दे रही है। पिछली दो वर्षो में करीब 55 प्रतिशत का अंक अर्जित उसने किया था। उसे पूरा विश्वास है कि इस बार भी वह 55 प्रतिशत तक अंक तो अर्जित कर ही लेगी।

आकांक्षा ने बताया कि उनके पिता के मित्र खेम चन्द्राकर पुस्तकों को पढ़कर सीडी में रिकार्ड करते हैं। जिसके बाद उसे प्लेयर में चलाकर आकांक्षा अपना कोर्स पूरा करती है। परिवार के सभी सदस्य आकांक्षा को पुरजोर मदद करते हैं।

पिछले तीन सालों से आकांक्षा की कलम बनी हुई कुरूद के समीपस्थ ग्राम भाठागांव की सरिता विश्वकर्मा और आकांक्षा का मिलाप भी विशेष खोजबीन का नतीजा है जो उसके पिता टिकेश्वर और मित्रों के सहयोग से संभव हो सका। कक्षा 12वीं की परीक्षा दिला रही सरिता को आकांक्षा का सहयोग करने में कोई भी दिक्कत नहीं आती। जब आकांक्षा से पूछा गया कि वह इतना कठिन परिश्रम कर स्नातक की उपाधि क्यों लेना चाहती है तो उसने बताया कि ईश्वर ने उसे आंखें देने में त्रुटि कर ली, लेकिन बुद्धि पर्याप्त दी है। फिर आईएएस बनने और पद को निभाने के लिए बुद्धि की ही तो जरूरत पड़ती है।

कहने का आशय है कि आकांक्षा पीएससी की तैयारी कर सीधे कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर उन नि:शक्तों के लिए प्रेरणा बनना चाहती है जो अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत नहीं बना सकते। इधर आकांक्षा की सहयोगी सरिता का सपना भी कुछ कम नहीं है। वह आकांक्षा के नक्शेकदम पर चलकर आईपीएस बनना चाहती है।

उसका मानना है कि देश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को जितनी भलीभांति महिलाएं बनाए रख सकती हैं उतना दूसरा और कोई नहीं कर सकता। फिलहाल इन प्रेरणादायी बच्चियों का हौसला काबिले तारीफ है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

Published

on

Loading

लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

Continue Reading

Trending