ऑफ़बीट
आज भी पूरा भारत आजाद नहीं है, ये अहम हिस्सा है ब्रिटिश सरकार का गुलाम
मुंबई। भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी। हर साल 15 अगस्त को हर हिंदुस्तानी अपनी आजादी का जश्न मानता है, लेकिन क्या आपको पता है, हम आज भी ब्रिटिश गुलामी से आजाद नहीं हुए है?
अभी भी देश के एक हिस्से पर ब्रिटिश हुकूमत का राज कायम है। जी हां, आपको इस बात पर य़कीन ना हो रहा, तो आपको बता दें कि यहां से हर साल 1।20 करोड़ का राजस्व ब्रिटेन को भेजा जाता है।
दरअसल, भारत में बिछी हुई एक ऐसी रेल लाइन है, जिसका मालिकाना हक भारतीय रेलवे की बजाए ब्रिटेन की एक निजी कंपनी के पास है। ऐसे में इसकी रॉएल्टी भी उसी को जाती है। असल में अमरावती से कपास मुंबई पोर्ट तक पहुंचने के लिए अंग्रेजों ने इस ट्रैक का निर्माण करवाया था।
इसका निर्माण 1903 में ब्रिटिश कंपनी क्लिक निक्सन की ओर से शुरू किया गया और रेल ट्रैक को बिछाने का पूरा काम 1916 में पूरा हुआ। वहीं इसकी निर्माता कम्पनी की बात करें, तो 1857 में स्थापित इस कंपनी को आज सेंट्रल प्रोविन्स रेलवे कंपनी के नाम से जाना जाता है।
गौरतलब है कि साल 1951 में भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण करने के बावजूद सिर्फ ये रूट ही भारत सरकार के अधीन नहीं हुआ। ऐसे में भारतीय रेलवे सलाना 1।20 करोड़ रुपए की रॉयल्टी ब्रिटेन की उस प्राइवेट कंपनी को देती है।
वैसे इस रेलवे ट्रैक पर सिर्फ एक ही ट्रेन चलती है। वो है, शकुंतला एक्सप्रेस पैसेंजर। यह ट्रेन अमरावती से मुर्तजापुर के 189 किलोमीटर का सफर अधिकतम गति 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूरा करती है।
शकुंतला एक्सप्रेस पहली बार 2014 में और दूसरी बार अप्रैल 2016 में बंद किया गया था। मगर, स्थानीय लोगों की मांग और सांसद आनंद राव के दबाव में सरकार को फिर से इसे शुरू करना पड़ा।
आनंद राव का कहना है कि, यह ट्रेन अमरावती के लोगों की लाइफ लाइन है। उन्होंने इसे ब्रॉड गेज में कन्वर्ट करने का प्रस्ताव भी रेलवे बोर्ड को भेजा है।
भारत सरकार ने इस ट्रैक को कई बार खरीदने का प्रयास भी किया, लेकिन तकनीकी कारणों से वह संभव नहीं हो सका। आज भी इस ट्रैक पर ब्रिटेन की इस कंपनी का कब्जा है। इसके देख-रेख की पूरी जिम्मेदारी भी इसपर ही है। हर साल पैसा देने के बावजूद यह ट्रैक बेहद जर्जर है।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि, पिछले 60 साल से इसकी मरम्मत भी नहीं हुई है। सात कोच वाली इस पैसेंजर ट्रेन में रोजाना एक हजार से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं।
100 साल पुरानी 5 डिब्बों की इस ट्रेन को 70 साल तक स्टीम का इंजन खींचता था, जिसे 1921 में ब्रिटेन के मैनचेस्टर में बनाया गया था। हालांकि, 15 अप्रैल 1994 को शकुंतला एक्प्रेस के स्टीम इंजन की जगह डीजल इंजन का यूज़ किया जाने लगा। इस रेल रूट पर लगे सिग्नल आज भी ब्रिटिशकालीन हैं। इनका निर्माण इंग्लैंड के लिवरपूल में 1895 में हुआ था।
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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान
नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।
बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन
पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।
अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी
पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।
पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स
पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।
लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई
अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।
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