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मुख्य समाचार

गैर संक्रामक बीमारियों से निपटना चुनौती : जितेंद्र सिंह

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नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)| कार्मिक मंत्रालय, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग एवं अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि गैर संक्रामक बीमारियों (एनसीडी) से निपटना चुनौती है। उन्होंने कहा कि आर्थिक और जीवनशैली के पहलुओं को लेकर हमारी वर्तमान सरकार बहुत संवेदनशील है और अगले महीने आयुष्मान भारत योजना शुरू करने जा रही है, जिससे 10 करोड़ परिवारों को प्रत्येक को पांच लाख के बीमा कवर के साथ लाभ होगा।

देश में एनसीडी कार्यान्वयन के लिए रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कार्यो को प्राथमिकता देने के लिए राष्ट्रीय परामर्श सत्र का आयोजन किया गया। इसमें जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने पूरे देश में कल्याण क्लीनिक की प्रक्रिया शुरू की है और विशेष रूप से जिला स्तर पर प्रत्येक अस्पतालों में निशुल्क डायलिसिस इकाई शुरू की है।

उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट होप जैसे संगठन उन लोगों की पहचान करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती है और उन्हें सामाजिक पहलुओं पर शिक्षित किया जाता है।

प्रोजेक्ट होप के राष्ट्रीय निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत पालो ने कहा कि गैर संचारी बीमारियों के कार्यक्रम कार्यान्वयन चुनौतियों को संबोधित करने के लिए सभी महत्वपूर्ण हितधारकों द्वारा एक साथ विकसित व्यापक समाधान की आवश्यकता होती है। प्रोजेक्ट होप भारत में एनसीडी के बढ़ते दबाव का जवाब देने के लिए सरकार और प्रमुख हितधारकों के साथ साझेदारी में काम कर रही है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ राज्यस्तरीय दो परामर्श सत्र आयोजित करने के बाद प्रोजेक्ट होप और एली लिली एंड कंपनी (इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे और अंतिम परामर्श सत्र का आयोजन किया। इस परामर्श सत्र का उद्देश्य गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) में कार्य करने की चुनौतियों का समाधान करना और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कार्यो को प्राथमिकता देना था।

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज रिपोर्ट 2016 के अनुसार एनसीडी से हर साल भारत में 61 फीसदी मौतें होती हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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