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प्रादेशिक

आंध्र प्रदेश में 7,000 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश

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हैदराबाद | तेलंगाना के नए राज्य के रूप में अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश ने गुरुवार को पहली बार विधानसभा में पूरे कारोबारी वर्ष के लिए बजट पेश किया, जिसमें 7,000 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व घाटे का अनुमान पेश किया गया है। वित्त मंत्री वाई रामकृष्णुदु ने अपने पहले बजट में 1,13,049 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्ताव रखा, जिसमें गैर-योजना खर्च 78,637 करोड़ रुपये और योजना खर्च 34,412 करोड़ रुपये शामिल है।

उन्होंने विधानसभा में कहा कि राजस्व घाटा 7,300 करोड़ रुपये और वित्तीय घाटा 17,584 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। गत वर्ष जून में तेलंगाना के एक अलग राज्य बनने के बाद आंध्र प्रदेश का यह पहला पूर्ण बजट है। रामकृष्णुदु ने गत वर्ष अगस्त में 2014-15 के लिए 1.11 लाख करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया था। राज्य विभाजन की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 में आंध्र प्रदेश राज्य के विकास के लिए किया गया प्रावधान प्रतीकात्मक है और उससे किसी भी तरह से राज्य विभाजन के कारण लोगों को अवसरों के हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त आंध्र प्रदेश एक राजस्व आधिक्त वाला राज्य था, लेकिन विभाजन ने आंध्र प्रदेश को राजस्व घाटे वाला राज्य बना दिया। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम खर्च को पूरा करने के लिए कर्ज लेते जाएंगे वैसे-वैसे हम पर कर्ज का दबाव और हमारा वित्तीय घाटा बढ़ता जाएगा। हमने 14वें वित्त आयोग से मांग की थी कि हमें पूंजी निर्माण के लिए 1,00,213 करोड़ रुपये और महत्वपूर्ण अवसंरचना संबंधी जरूरत के लिए 41,253 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाए। 14वें वेतन आयोग ने राजस्व घाटा अनुदान के रूप में सिर्फ 22,113 करोड़ रुपये और आपदा प्रबंधन के लिए 1,823 करोड़ रुपये दिए।”

उन्होंने कहा, “उत्पादक पूंजीगत खर्च में सुधार के लिए हम परियोजनाओं में निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 2014-15 के अग्रिम अनुमान के मुताबिक राज्य की विकास दर 7.21 फीसदी रही। विजयवाड़ा के निकट नई राजधानी शहर का विकास करने के लिए बजट में 3,168 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा की मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सिंचाई के लिए 5,258 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। शुक्रवार को कृषि क्षेत्र के लिए एक बजट अलग से पेश किया जाएगा।

स्वास्थ्य के लिए आवंटन कुल बजट के 3.92 फीसदी से बढ़ाकर 5.07 फीसदी कर दिया गया है। बजट में ग्रामीण विकास के लिए 8,213 करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा के लिए 3,049 करोड़ रुपये, पिछड़े वर्गो के कल्याण के लिए 3,231 करोड़ रुपये, अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए 5,878 करोड़ रुपये, अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए 993 करोड़ रुपये, महिला और बाल कल्याण के लिए 1,080 करोड़ रुपये और अल्पसंख्यक विकास के लिए 993 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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