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बेकरी कामगार की बेटी के सपनों को लगा पंख

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हैदराबाद। अपनी उम्र की लड़कियों से अलग सपना देख रही एक आम घर की लड़की अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। उसकी उम्र की लड़कियों का सपना डाक्टर या इंजीनियर बनना है और यह लड़की इससे कुछ अलग बनने का सपना देख रही है।

कई लोग उसके सपने पर हंसते रहे, लेकिन आज वह भारत की उन मुट्ठीभर मुस्लिम महिलाओं में से एक है, जिसके पास कामर्शियल पायलट का लाइसेंस है।

एक साधारण सी पृष्ठभूमि से आने वाली लड़की सैयद सल्वा फातिमा के पिता बेकरी में काम करते हैं। लड़की ने अपनी गहरी प्रतिबद्धता और कठिन परिश्रम से पुरुषों के आधिपत्य वाले पेशे में प्रवेश लिया। इसी के साथ फातिमा हैदराबाद में गरीबों की बस्ती की पहली महिला के रूप में सामने आई है जिसे उड़ान लाइसेंस मिला है।

पहला चरण पूरा करने के बाद अब वह दूसरे प्रमाणपत्र के लिए तैयारी में जुटी है। यह प्रमाणपत्र वह मध्यम आकार वाले यात्री जेट का हासिल करेगी।

पुराने शहर में सुल्तान शाही एक सघन बस्ती है और इसी इलाके में फातिमा रहती है। यहीं रहते हुए वह स्कूल के दिनों से ही विमान उड़ाने का सपना देख रही है।

फातिमा (26) ने आईएएनएस से कहा, “जब मैं नौवीं में पढ़ती थी तभी मैंने उड्डयन उद्योग के बारे में लेख और विभिन्न विमानों की तस्वीरें जुटानी शुरू कर दी। सभी लोग मेरी सहेली जैसी वैसी लड़कियों को पसंद करते हैं जो या तो डाक्टर या इंजीनियर बनने का सपना देखती हैं, लेकिन इससे कुछ अलग बनना चाहती थी।”

यहां के मलकापेट में स्थित आईज्जा स्कूल में पढ़ाई कर आगे बढ़ी बुर्कापोश महिला ने कहा, “मैं अपने विचारों को अपने साथ पढ़ने वाले साथियों के साथ साझा करना पसंद करती थी और वे हमेशा मुझसे यह पूछती थी कि क्या यह वास्तव में संभव है। लेकिन आखिर में सपना साकार हो गया। शुक्र है खुदा का।”

सैयद अश्फाक अहमद की चार संतानों में सबसे बड़ी फातिमा अपने पिता की गुजारे के लायक आय के कारण यह नहीं जानती थी कि उसका सपना सच में कैसे बदलेगा।

उसके माता-पिता ने इंजीनियरिंग को चुनने का जोर डाला तो उसे उर्दू दैनिक ‘सियासत’ द्वारा इंजीनियरिंग, मेडिकल के लिए चलाए जाने वाले कोचिंग में दाखिला लेना पड़ा।

‘सियासत’ के संपादक जाहिद अली खान ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने उसके सपनों को उड़ान भरने में मदद की। उसकी अभिलाषा के बारे में पढ़ने के बाद उन्होंने प्रशिक्षण का पूरा खर्च उठाने की पेशकश की।

खुद को अंतिम प्रयास में उतरने की तैयारी से संबंधित सभी सूचनाएं जुटाने में उसे एक वर्ष का समय लगा। 2007 में वह आंध्र प्रदेश उड्डयन अकादमी में दाखिल हुई।

फातिमा को अपनी राह पर उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। उसने कहा, “लोग मुझसे कहा करते थे- तुम एक लड़की हो तो पायलट बनकर क्या करोगी? निकाह के बाद तुम एक पत्नी बनकर जीओगी। मैंने कभी इन टिप्पणियों की परवाह नहीं की क्योंकि मेरा परिवार मेरे समर्थन में खड़ा था।”

पांच वर्ष बाद उसने प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा कर लिया। उसने सेस्सना 152 और 172 जैसे विमान को 200 घंटे तक और सोलो फ्लाइट को 123 घंटे तक उड़ाया।

 

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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