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कुमारस्वामी, जिनकी कट्टर विरोधियों ने की ताजपोशी

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बेंगलुरू, 23 मई (आईएएनएस)| एच.डी. कुमारस्वामी के भाग्य ने एक बार फिर उनका साथ दिया और इस बार वह अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सहयोग से राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।

आज के ठीक 12 वर्ष पहले जब जनता ने उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने के लिए पर्याप्त जनादेश नहीं दिया था, तब वह भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री बने थे।

जनता दल (सेकुलर) के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के तीसरे पुत्र कुमारस्वामी(59) ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह 12 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी द्वारा उन्हें समर्थन देने की वजह से राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।

15 मई को पूरे नतीजे आने के पहले ही कांग्रेस नेता राजभवन गए और राज्यपाल वजुभाई वाला को गठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर जद(एस) के कुमारस्वामी को बिना शर्त समर्थन देने की सूचना दी। कांग्रेस ने यह कदम भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए उठाया, जिसे बहुमत से मात्र सात सीटें कम मिली थीं।

वाला ने कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के अनुरोध को ठुकराते हुए भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बी.एस. येदियुरप्पा को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया। इसके बाद जद (एस) और कांग्रेस इसके विरोध में सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गए और 17 मई को येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह को रुकवाने की कोशिश की। न्यायालय ने हालांकि इस अनुरोध को ठुकरा दिया, लेकिन वाला द्वारा येदियुरप्पा को बहुमत सिद्ध करने के लिए दिए 15 दिन की अवधि घटाकर 19 मई को शाम चार बजे तक बहुमत साबित करने का निर्देश दिया।

येदियुरप्पा ने सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कुमारस्वामी के लिए मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।

राजनीतिक रूप से प्रभावशाली और मैसुरू क्षेत्र मे मजबूत पकड़ वाले वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले कुमारस्वामी का जन्म हासन जिले में 1959 में हुआ था। उन्होंने कनकपुरा लोकसभा सीट जीतकर 1996 में राजनीति में प्रवेश किया था। वह तब चर्चा में आए जब उनके पिता एच. डी. देवेगौड़ा देश के प्रधानमंत्री बने।

कुमारस्वामी पहली बार फरवरी 2006 में भाजपा के साथ गठबंधन कर मुख्यमंत्री बने थे और तब उन्होंने अपने पिता से बगावत कर कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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