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फीफा विश्व कप : मेजबान रूस की दावेदारी में कितना दम?
नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)| मेजबान के तौर पर रूस ने फीफा विश्व कप-2018 के लिए क्वालीफाई तो कर लिया है लेकिन इस शानदार और बड़े मौके को सफलता में बदल क्या वो अपना पहला विश्व कप जीत पाएगा? ये एक बड़ा सवाल है।
इसके कई कारण हैं। बीते मैचों में रूस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। उसने यूरो कप-2016 से अब तक 19 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं लेकिन सिर्फ छह में जीत हासिल की है। वहीं कंफेडेरेशन कप में भी अपने बुरे प्रदर्शन के सिलसिले को नहीं तोड़ पाया था।
कंफेडेरेशन कप में रूस ग्रुप दौर से ही बाहर हो गई थी और सिर्फ एक मैच में ही उसे जीत मिली थी। ऐसे में उसके खिताब जीतने की संभावनाएं तो न के बराबर है लेकिन आसान ग्रुप के चलते वो ग्रुप दौर की बाधा को पार कर सकता है।
रूस को ग्रुप-ए में उरुग्वे, साउदी अरब और मिस्र के साथ रखा गया है। इनमें से सिर्फ उरुग्वे ही उससे बेहतर और दमदार टीम है। संभवत: यह दोनों टीमें ही अगले दौर में प्रवेश करेंगी।
रूस के लिए अपनी मेजबानी में विश्व कप की राह किसी तरह से आसान नहीं होगी। विश्व कप की शुरुआत से पहले ही उसे परेशानियां शुरू हो गई हैं। उसके दो मजबूत डिफेंडर विक्टर वासिन और जॉर्जी झिकिया के अलावा फॉरवर्ड एलेक्जेंडर कोकोरिन चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं।
कोच चेरचेशोव की टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उसका डिफेंस ही है और मुसीबत यह है कि विक्टर और झिकिया के चोटिल होने के बाद उनके पास कोई ऐसा बड़ा नाम नहीं है जो डिफेंस को मजबूत कर सके।
डिफेंस के कमजोर रहते मिडफील्ड और आक्रामण पंक्ति की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। आक्रमण पंक्ति ही एक जगह है जो कुछ हद तक रूस की ताकत कही जा सकती है। यहां सबसे ज्यादा जिम्मेदारी फेडोर स्मोलोव के कंधों पर है। हालांकि यहां साथ देने के लिए उनके साथ एलान ड्जागोव और एलेक्जेंडर गोलोविन जैसे खिलाड़ी हैं।
इन तीनों के अलावा आक्रमण पंक्ति में एलेक्सी मिरानचुक के ऊपर पर भी सभी की निगाहें होंगी। वह रूस प्रीमियर लीग के बीते दो सीजनों में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी थे।
इन सबसे ज्यादा जिम्मेदारी कोच की रहेगी जो कोशिश करेंगे की टीम की आक्रमण पंक्ति और डिफेंस एक लय में मिलकर काम करे।
पहली बार इतने बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी करना और अपने प्रशंसकों के सामने इतिहास को बदलने का दवाब बेशक टीम पर रहेगा। ऐसे में रूस कितना आगे जा पाता है यह देखने वाली बात होगी।
रूस को अपने पहला मैच साउदी अरब के खिलाफ 14 जून को मास्को खेलना है। दूसरे मैच में वो 19 जून को सेंट पीटर्सबर्ग में मिस्र के खिलाफ खेलना है। इसके बाद वो अपने आखिरी ग्रुप मैच में 25 जून को उरुग्वे से भिड़ेगा।
टीम :
गोलकीपर: इगोर एकिन्फीव, व्लादिमीर गैबुलोव, सोस्लान ड्झानाएव, एंड्री ल्यूनेव।
डिफेंडर : व्लादिमीर ग्रेनाट, रुस्लान कंबोलोव, फेडर कुद्रीशोव, इल्या कुटेपोव, रोमेन नोइशेटेडर, कॉन्स्टेंटिन रोश, आंद्रे सेम्योनोव, इगोर स्मोलनिकोव, मारियो फर्नांडेज।
मिडफील्डर: युरी गाजिंस्की, एलेक्जेंडर गोलोविन, एलन ड्झागोव, एलेक्जेंडर इरोखिन, युरी झिर्कोव, रोमन जोबिन, डालेर कुज्येव, एंटोन मिरंचुक, एलेक्जेंडर सामेडोव, एलेक्जेंडर ताश्एव डेनिस चेरीशेव,
फॉरवर्ड : अर्टयोम डज्युबा, एलेक्सी मिरांचुक (लोकोमोटिव मॉस्को एफसी), फेडर स्मोलोव (क्रास्नोडार एफसी), फेडर चालोव।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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