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मुख्य समाचार

ब्रिटिश लिंग्वा की नई पहल-‘न्यूजपेपर इंग्लिश’

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नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)| देश की प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्था ब्रिटिश लिंग्वा ने हाल ही में हिंदीभाषी छात्र-छात्राओं के लिए नए कोर्स की शुरुआत की है, जिसे नाम दिया है- ‘न्यूजपेपर इंग्लिश’।

इस कोर्स के तहत छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी अखबार पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। संस्था का तर्क है कि इससे प्रतियोगिता परीक्षाओं में हिंदीभाषी छात्रों के लिए अंग्रेजी विषय को समझना और इसमें बेहतर अंक प्राप्त करना आसान होगा। ब्रिटिश लिंग्वा के संस्थापक डॉ. बीरबल झा ने बताया कि ‘न्यूजपेपर इंग्लिश’ कोर्स शुरू करने का मुख्य उद्देश्य हिंदीभाषी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगिता परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्नों को सहज और सरल ढंग से हल करने की बारीकियों को समझाना है। साथ ही अंग्रेजी भाषा के प्रति जागरूकता पैदा करना है।

प्रतियोगिता प्ररीक्षा की तैयारी कर रहे बिहार के राहुल कुमार ने बताया, इंग्लिश न्यूज पेपर में संपादकीय की भाषा कठिन होती है और इससे संबंधित प्रश्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इसे डॉ. झा बहुत ही सरलता से समझाते हैं। जो हमारे लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रहा है।

बरेली के प्रशांत कुमार ने बताया, इस क्लास से केवल अंग्रेजी भाषा का ज्ञान ही नहीं बल्कि करेंट अफेयर को समझना सहज हो गया है ‘न्यूज पेपर इंग्लिश’ क्लास ज्वाइन करने से मेरा आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है। साथ ही इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। न्यूज पेपर के माध्यम से भाषा सीखने का अनूठा प्रयास सराहनीये एवं दिलचस्प है, और यह कई मायनों में विशेष अर्थ रखता है।

डॉ. झा कहते हैं कि हर व्यक्ति को नियमित रूप से न्यूज पेपर पढ़ना चाहिए। इससे भाषाई लाभ तो होता ही है, साथ ही ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी बढ़ती है।

विज्ञप्ति के अनुसार, डॉ. झा विगत 25 वर्षो से अंग्रेजी भाषा सिखाने एवं इसके लाभ को समाज के निचले स्तर तक पहुंचाने के लिए संघर्षरत हैं। दर्जनों किताबों के लेखक डॉ. झा की अगली किताब ‘इंग्लिश फॉर सोशल जस्टिस इन इंडिया’ शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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