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मुख्य समाचार

शरद यादव आधिकारिक आवास में रहेंगे लेकिन भत्ते नहीं लेंगे : सर्वोच्च न्यायालय

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नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किए जाने के बाद जनता दल युनाइटेड (जद-यू) के बागी नेता शरद यादव यहां अपने आधिकारिक बंगले में रहना जारी रखेंगे। उच्च न्यायालय ने उन्हें यहां तुगलक रोड स्थित आधिकारिक बंगले में रहने की इजाजत दी थी। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अवकाश पीठ ने उन्हें आधिकारिक बंगले में रहने की इजाजात देते हुए वरिष्ठ वकील गुरु कृष्ण कुमार का यह बयान दर्ज कर लिया कि शरद यादव उच्च न्यायालय द्वारा मामले में फैसला सुनाए जाने तक किसी प्रकार का भत्ता नहीं लेंगे।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ मामले पर फैसला सुनाएगी जो 12 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है।

अदालत ने यह उस समय कहा जब जदयू के राज्यसभा सदस्य राम चंद्र प्रसाद सिंह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा है कि मामले के विचाराधीन होने के कारण शरद यादव और अली अनवर को अयोग्य घोषित किए जाने से खाली हुई दो सीटों पर चुनाव नहीं हो पा रहा है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्यसभा सभापति एम.वेंकैया नायडू द्वारा शरद व अनवर को अयोग्य घोषित करने के मामले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए उन्हें तब तक आधिकारिक आवास में रहने की इजाजत दी जब तक वह अयोग्यता के खिलाफ उनकी याचिका पर अंतिम फैसला नहीं सुना देता।

उच्च न्यायालय ने यादव को भत्ते और अतिरिक्त सुविधाएं लेने की भी इजाजत दी थी।

जदयू के राज्यसभा सदस्य राम चंद्र प्रसाद सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी, जिसपर गुरुवार को यह आदेश आया है।

शरद यादव और उनके साथ अली अनवर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करने के बाद राज्यसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। दोनों नेताओं ने जदयू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस वाले महागठबंधन से नीतीश के अलग होकर भाजपानीत राजग गठबंधन से हाथ मिलाने के बाद बगावत कर दी थी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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