मुख्य समाचार
भारत का ऑयलमील निर्यात मई में 33 फीसदी घटा
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)| वैश्विक मांग कमजोर रहने के कारण भारत का ऑयलमील (खली) निर्यात पिछले साल के मुकाबले इस साल मई में 33 फीसदी घटकर 97,036 टन रह गया। हालांकि खाद्य तेल संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने सरसों खली के निर्यात में इजाफा होने को उत्साहवर्धक बताया है। उद्योग संगठन की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत ने मई 2017 में 1,44,524 टन ऑयलमील का निर्यात किया था जो इस साल पिछले महीने 33 फीसदी घटकर 97,036 रह गया। अप्रैल-मई 2018 में खली का कुल निर्यात 3,21,179 टन था जोकि पिछले साल की समान अवधि के 3,48,222 टन से आठ फीसदी कम है।
वहीं, सरसों खली के निर्यात में बीते दो महीने में जोरदार इजाफा हुआ। अप्रैल-मई 2018 में भारत ने 1,43,000 टन सरसों खली का निर्यात किया। सीईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी. वी. मेहता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सरसों खली के निर्यात में जोरदार तेजी उत्साहवर्धक है, खासतौर से दक्षिण कोरिया और थाइलैंड से भारतीय खली में जबरदस्त मांग रही है।
बीते दो महीने में वियतनाम को 51,568 टन खली का निर्यात किया गया जिसमें 1,927 टन सोयाबील खली, 10,634 टन सरसों खली और 39,007 टन डी-ऑयलेड राइस ब्रायन शामिल है। दक्षिण कोरिया ने 49,768 टन खली का आयात भारत से किया जिसमें सोयाबीन खली 3,129 टन और सरसों खली 46,381 टन शामिल है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया ने 258 टन अरंडी खली का आयात भारत से किया।
थाइलैंड को भारत ने बीते दो महीने में 62,176 टन खली निर्यात किया जिसमें सोयाबीन खली 2,417 टन, डी-ऑयल्ड राइस ब्रान 3,855 टन और सरसों खली 55,868 टन शामिल है। फ्रांस ने भारत से अप्रैल-मई 2018 में 28,377 टन खली आयात किया जिसमें सोयाबीन खली 26,600 टन और अरंडी खली 1,777 टन शामिल है।
डॉ. मेहता ने कहा कि चीन को खली बेचने की चर्चा हो रही है मगर चीन ने अब तक भारत से खली के आयात पर प्रतिबंध नहीं हटाया है। उन्होंने कहा, हमारे लिए इस समय दक्षिण एशिया और मध्य-पूर्व के देश ही बड़े बाजार हैं। इसके अलावा यूरोप को भी हम थोड़ा निर्यात करते हैं। चीन में भारत के सरसों खली पर 2012 से ही प्रतिबंध है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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