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डेरा प्रमुख की ‘बेटी’ हनीप्रीत की जमानत याचिका खारिज

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चंडीगढ़, 7 जून (आईएएनएस)| दुष्कर्म के दो मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम इंसां को सजा सुनाए जाने के बाद हुई हिंसा के मामले में पंचकूला की एक अदालत ने गुरुवार को गुरमीत की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत की जमानत याचिका खारिज कर दी।

हनीप्रीत की दलील थी कि हिंसा की घटना के आरोप में उसे 245 दिन सलाखों के पीछे रखे जाने के बाद भी हरियाणा पुलिस को अब तक उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।

वकील ने अदालत को बताया कि हनीप्रीत को जिन आरोपों में पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन्हीं आरोपों में दूसरे लोगों को जमानत मिल चुकी है।

गुरमीत रामरहीम को सजा सुनाए जाने के बाद पंचकूला में अगस्त 2017 में हुई हिंसा की घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हनीप्रीत के खिलाफ पिछले साल राजद्रोह का आरोप लगाया है।

हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है। वजह पिछले साल अक्टूबर से अंबाला केंद्रीय कारा में बंद है।

पुलिस का दावा है कि वह डेरा प्रमुख की सबसे नजदीकी सहयोगी थी और डेरा प्रमुख के कार्यकलापों और पंचकूला और अन्य जगहों पर 25 अगस्त को राम रहीम को सजा सुनाए जाने पर हुई हिंसा के बारे में बहुत कुछ जानती थी।

हनीप्रीत के खिलाफ हरियाणा पुलिस द्वारा राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद वह 38 दिनों तक पुलिस की नजर से बचती रहीं। उनको तीन अक्टूबर 2017 को चंडीगढ़ से 15 किलोमीटर दूर झिरकापुर-पटियाला राजमार्ग से गिरफ्तार किया गया था।

हनीप्रीत ने खुद को राम रहीम की दत्तक पुत्री बताया है। हालांकि उनके पूर्व पति विश्वास गुप्ता का आरोप है कि उनका डेरा प्रमुख के साथ अवैध संबंध था।

राम रहीम को दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सश्रम सजा दी गई है और उन पर 30 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया। सजा सुनाए जाने पर हरियाणा के पंचकूला और सिरसा में हिंसा भड़क उठी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और 260 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। हिंसा की छिटफुट घटनाएं दिल्ली और पंजाब में भी हुई थीं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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