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टिहरी संयंत्र 2021 तक अतिरिक्त 1000 मेगावाट बिजली देने लगेगा

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नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| देश के सबसे ऊंचे और एशिया के दूसरे सबसे ऊंचे टिहरी बांध से अतिरिक्त 1,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन 2021 तक शुरू हो जाएगा। यह बात टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) के एक शीर्ष अधिकारी ने कही। कुल 2,400 मेगावाट की टिहरी जलविद्युत परियोजना से फिलहाल 1,400 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है।

टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) विजय गोयल ने यहां आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में बताया, फिलहाल टिहरी परिसर में कुल 1000 मेगावाट और कोटेश्वर बांध से 400 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। टिहरी में दूसरे चरण के 1,000 मेगावाट, और पीपल कोटि में 400 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन 2021 तक होने लगेगा।

गोयल ने कहा कि जलविद्युत के अलावा गुजरात में कंपनी की दो पवनचक्की परियोजनाएं भी चालू हालत में हैं, जिनमें से एक 50 मेगावाट और दूसरी 63 मेगावाट की है।

गोयल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जलविद्युत सबसे सस्ता और सुरक्षित है, लेकिन देश अपनी संपूर्ण जलविद्युत क्षमता का दोहन नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा, फिलहाल हम 50,000 मेगावाट जलविद्युत ही पैदा कर पा रहे हैं, जबकि अभी देश में 100,000 मेगावाट से अधिक जलविद्युत उत्पादन की क्षमता मौजूद है। जलविद्युत सुरक्षित और सबसे सस्ता है। लेकिन सरकारें इससे बचती हैं, क्योंकि जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण में समय लगता है और सरकारें वही परियोजना चाहती हैं, जो पांच साल में पूरी हो जाएं। इसमें विस्थापन और पुनर्वास की समस्या से भी सरकारें डरती हैं।

टिहरी से जुड़े पुनर्वास के कई मामले भी अभी चल रहे हैं? गोयल ने कहा, पुनर्वास के जायज सभी मामले सुलझ गए हैं। लेकिन, कुछ लोग अनुचित लाभ चाहते हैं। माफिया लोग इसमें घुस आते हैं। हमने तो भूमिहीन मजदूरों को भी मैदानी इलाके में दो-दो एकड़ जमीन दी। वे करोड़ों के मालिक हो गए। हमारी पुनर्वास नीति इतनी अच्छी है कि लोग इसमें शामिल होना चाहते हैं, स्वेच्छा से अपने गांव देना चाहते हैं। दरअसल, पहाड़ों में जमीन की कोई कीमत है नहीं, और मैदानों की जमीन उनके लिए काफी लाभकारी साबित हुई है। जहां तक मामलों की बात है, तो भाखड़ा के भी कुछ मामले अभी तक चल रहे हैं।

टिहरी बांध के निर्माण के समय बड़े-बड़े दावे किए गए थे। हम उससे हासिल कितना कर पा रहे हैं? गोयल ने कहा, हम 100 प्रतिशत से अधिक हासिल कर रहे हैं। वित्तवर्ष 2016-17 में लगभग 2,200 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ, जिसमें 711 करोड़ रुपये शुद्ध लाभ था।

गोयल ने आगे कहा, दरअसल, जलविद्युत परियोजनाओं से सिर्फ बिजली ही नहीं, कई तरह के लाभ हैं। पर्यटन, सिंचाई, पेयजल, बाढ़ नियंत्रण जैसे तमाम लाभ ही लाभ हैं। जलविद्युत से कोई नुकसान नहीं है। इसमें सिर्फ एक बार का निवेश होता है और परियोजना बन जाने के बाद लाभ ही लाभ है।

पर्यावरणविद बड़े बांधों का विरोध करते हैं, और छोटे बांधों की वकालत करते हैं। टिहरी के खिलाफ भी लंबा आंदोलन चला था।

गोयल कहते हैं, जल विद्युत परियोजनाएं भौगोलिक स्थिति के अनुसार तैयार की जाती हैं। इसका अपना जल विज्ञान है। अब जहां 1000 मेगावाट की क्षमता है, वहां 100 मेगावाट की परियोजना लगाएंगे तो नुकसान होगा ही और बड़े बांध नहीं बनेंगे तो मॉनसून का पानी जमा कहां करेंगे। सारा पानी समुद्र में चला जाएगा। आज पानी की बहुत जरूरत है। जो लोग जलविद्युत परियोजनाओं का विरोध करते हैं, वे वास्तव में विकास विरोधी हैं।

टिहरी परियोजना को लेकर तर्क दिए जाते रहे हैं कि हिमालय बहुत कच्चा पहाड़ है और बांध मॉनसून में गाद से भर जाएगा, तब परियोजना सफल नहीं हो पाएगी।

इस बारे में गोयल ने कहा, टिहरी परियोजना जलाशय पर आधारित है, गाद रोकने के लिए हमने उपाय कर रखे हैं, काफी खर्च किए गए हैं। छोटे-छोटे चेकडैम बनाए गए हैं, कैचमेंट में पौधरोपण किए गए हैं। परिणाम यह है कि उम्मीद से भी कम गाद जलाशय में आती है। मॉनसून में भी हमारी सारी इकाइयां चलती हैं, क्योंकि पानी बिल्कुल साफ होता है।

उन्होंने कहा, हमें मशीन की मरम्मत की भी जरूरत नहीं पड़ती। भाखड़ा भी जलाशय परियोजना है, वह भी मॉनसून में चलती है। हां, बहती धारा पर बनी परियोजनाएं मॉनसून में नहीं चल पातीं, क्योंकि गाद बहुत आती है। नथफा झाखड़ी इसका एक उदाहरण है। टिहरी की उम्र 150 साल अनुमानित है और सबकुछ अपेक्षा अनुरूप चल रहा है।

गौरतलब है कि वर्ष 2006 में बनकर तैयार हुए देश के सबसे ऊंचे टिहरी बांध में 22 गांव जलाशय में तब्दील हो गए थे, और लगभग 100,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा था।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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