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नेशनल

केजरीवाल-पटनायक के बिना नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल बैठक शुरू

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दिल्ली मुख्यमंत्री और ओडिशा मुख्यमंत्री के बिना नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल की चौथी बैठक रविवार को शुरू हो गई, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने के उपायों, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय पोषण मिशन और मिशन इंद्रधनुष जैसी प्रमुख योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।

बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हो रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल हैं।


केजरीवाल इस बैठक से नदारद हैं क्योंकि वह उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अपने कैबिनेट मंत्रियों सत्येंद्र जैन और गोपाल राय के साथ दिल्ली प्रशासन के आईएएस अधिकारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म कराने का निर्देश देने की मांग को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में धरना दे रहे हैं।

नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताओं, क्षेत्रों और रणनीतियों को लेकर साझा दृष्टिकोण विकसित करने का एक प्रमुख निकाय है।

काउंसिल पिछले वर्ष के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा करती है और भविष्य की विकास प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करती है। परिषद आकांक्षी जिलों के विकास और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार चर्चा करेगी। (इनपुट आईएएनएस)

उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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