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मुख्य समाचार

केजरीवाल ने आईएएस अधिकारियों को सुरक्षा की गारंटी दी

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नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को आईएएस अधिकारियों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे काम पर लौटने तथा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने का आग्रह किया।

केजरीवाल ने अपने ट्विटर खाते पर जारी एक पत्र में कहा है, मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं अपनी पूरी शक्ति और उपलब्ध संसाधनों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा। मैं पहले भी कई अधिकारियों को इस तरह का आश्वासन दे चुका हूं, जिन्होंने मुझसे अकेले में मुलाकात की थी। मैं आज फिर इसे दोहराता हूं।

आईएएस आफिसर्स एसोसिएशन ने रविवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें इस सरकार में अपनी सुरक्षा को लेकर भय है और उन्होंने आरोप लगाया कि नौकरशाहों पर हमलों के मामलों के बावजूद मुख्यमंत्री की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है।

अधिकारियों ने कहा, हम सभी के हमले के कई अनुभव हैं। यदि हम सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे तो हम बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। हमने नियम से आगे जाकर काम किया है, ताकि जनता को तकलीफ न हो, उनके काम न रुके, लेकिन हम अपनी जिंदगी की कीमत पर काम नहीं करेंगे।

आईएसएस एसोसिएशन की सचिव मनीषा सक्सेना ने रविवार अपराह्न् संवाददाताओं से कहा, हम वहां नहीं जाते, जहां हम असुरक्षित महसूस करते हैं। काम करने के लिए हमें विश्वास की एक संस्कृति की जरूरत है। सक्सेना एक डिविजनल कमिश्नर हैं और कला, संस्कृति, भाषा की सचिव भी हैं।

उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी सभी वैधानिक बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं और काम कर रहे हैं।

केजरीवाल ने अधिकारियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाते हुए उनसे आग्रह किया है कि वे सरकार का बहिष्कार करना बंद करें और मंत्रियों के साथ बैठकें शुरू करें और उनके फोन काल उठाएं।

उन्होंने कहा, उन्हें बगैर भय और दबाव के काम करना चाहिए। उन्हें किसी दबाव में नहीं आना चाहिए, चाहे वह राज्य सरकार की तरफ से हो या केंद्र सरकार की तरफ से, या किसी राजनीतिक दल की तरफ से।

गौरतलब है कि आप ने इस मामले में प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग को लेकर रविवार को एक विशाल विरोध रैली आयोजित की।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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