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मुख्य समाचार

मौज-मस्ती और पढ़ाई के बीच संतुलन में मदद करेगा ‘गुरुक्यू’

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)| छात्रों को मौज-मस्ती और पढ़ाई के बीच संतुलन बिठाने और छुट्टियों में अपनी महत्वपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के लिए गुरुक्यू इंडिया ने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास चुनने का कार्यक्रम शुरू किया है। स्कूलों में छुट्टियां होना अधिकांश स्टूडेंट्स के लिए तरोताजा होने का समय होता है। हालांकि 10वीं और 12वीं बोर्ड की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स छुट्टियों पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देते हैं। कई स्टूडेंट्स मित्रों और परिवार के साथ आनंद तो लेना चाहते हैं, लेकिन साथ ही पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी भी करना चाहते हैं।

इसी के मद्देनजर गुरुक्यू इंडिया ने एक ऐसा मंच तैयार किया है जहां स्टूडेंट्स और पैरेंट्स अपने क्षेत्र में ट्यूटर ढूंढ सकते हैं और समीक्षाओं तथा रेटिंग के आधार पर सही चयन कर सकते हैं। गुरुक्यू के साथ स्टूडेंट्स अपने समय के हिसाब से व्यापक शेड्यूल बना सकते हैं और उन्हें विषयों पर काम करने की आजादी का लाभ मिलता है।

इस मंच से पैरेंट्स भी आश्वस्त हो सकते हैं, क्योंकि गुरुक्यू स्टूडेंट्स को ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास चुनने की स्वतंत्रता देता है और वह अपने पसंदीदा ट्यूटर की उपलब्धता के अनुसार व्यक्तिपरक पैकेज बना सकते हैं। यदि स्टूडेंट अपने शहर से बाहर है तो भी कक्षाओं का शेड्यूल बनाने की सहूलियत मिलती है, क्योंकि इसमें कभी भी, कहीं भी ट्यूटरिंग, कक्षाओं का प्रबंधन और निर्धारण करने की सुविधा मिलती है और असाइनमेन्ट तथा टेस्ट ऑनलाइन भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं।

गुरुक्यू इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं संस्थापक मीनल आनंद ने कहा, गुरुक्यू एक अनूठा प्लेटफॉर्म है, जो स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को किसी स्थान विशेष की यात्रा किए बिना होम ट्यूटरिंग की सुविधा देता है। यह 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स की छुट्टियों के समय कारगर साबित होता है, क्योंकि वह क्लास छूटने के डर के बिना अध्ययन का शेड्यूल निर्धारित कर सकते हैं। वह अपने समय के अनुसार ट्यूटर के साथ क्लास का निर्धारण कर सकते हैं, इससे उन्हें छुटिट्यों के दौरान पढ़ाई के साथ-साथ मस्ती करने का भी मौका मिलेगा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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