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जिंदल विवि के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के छात्र रोजगार बाजार में छाए
सोनीपत, 18 जून (आईएएनएस)| हरियाणा के सोनीपत में स्थित ओ.पी. जिंदल विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के छात्रों ने आम अवधारणा को तोड़ते हुए यह साबित कर दिया कि कथित पारंपरिक पाठ्यक्रम अपनाने पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों, विशेषज्ञ दलों और अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) जैसे रोजगार के कई अवसर खुल जाते हैं। विश्वविद्यालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स (जेएसआईए) के छात्रों को रोजगार देने के लिए भारतीय राजनीति कार्य समिति (आई-पीएसी), केयर इंडिया एंड डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स ने अगुआई की।
जेएसआईए के छात्रों को नौकरी देने वाले व्यावसायिक और गैरलाभकारी संस्थानों में केपीएमजी, ग्रांट थॉर्नटन, जस्टिस एंड केयर, डीलोइट, सीआरईए, एस्सार फाउंडेशन, सीआरवाई, गोदरेज कल्चर लैब, अक्षय पात्र फाउंडेशन, आत्मा फाउंडेशन, सत्व काउंसलिंग, द सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसायटी और ग्लोबल ट्रस्ट शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति सी. राजकुमार ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय मामलों की पढ़ाई को पहले सिविल सेवा की नौकरी या शैक्षणिक रोजगार के लिए उच्च शिक्षा देने वाला पाठ्यक्रम माना जाता था।
उन्होंने कहा, जेएसआईए ने इस क्षेत्र को विविधिता प्रदान की और स्नातक करने वाले छात्रों के लिए नए रास्ते खोले।
जेएसआईए के डीन श्रीराम चौलिया ने कहा, विभिन्न संस्थानों द्वारा हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद हमें उम्मीद है कि हमारे आगामी सत्र के स्नातक छात्रों को रोजगार देने के लिए विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक और गैरलाभकारी संस्थान यहां आएंगे।
बयान के अनुसार, इस साल 40 से ज्यादा संगठनों ने विभिन्न क्षेत्रों में 95 फीसदी प्रशिक्षण रोजगार प्राप्त करने के लिए जेएसआईए से संपर्क किया।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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