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मुख्य समाचार

मर्सिडीज-एएमजी एस 63 कूपे लान्च

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)| लग्जरी कार निर्माता मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने सोमवार को ड्रीम कार सेगमेंट में अपनी स्थिति और मजबूत करते हुए मर्सिडीज-एएमजी एस 63 कूपे को लांच किया।

भारत में नई मर्सिडीज-एएमजी एस 63 कूपे की एक्स-शोरूम कीमत 2.55 करोड़ रुपये है। कंपनी ने एक बयान में कहा, यह टू-डोर कूपे ट्विन-स्क्रॉल टर्बोचार्जर्स वाले 4.0-लीटर वी8 बाइटर्बो इंजन की शक्ति से संचालित होती है। नई मर्सिडीज-एएमजी एस 63 कूपे में एक ज्यादा दमदार इंजन है। यह 450 किलोवाट पावर और 900 एनएम का टॉर्क पैदा करता है, जो गाड़ी को महज 3.5 सेकेंड में शून्य से 100 किलोमीटर की रफ्तार देता है। वाहन में लगा नया 4.0-लीटर इंजन 5.5 लीटर इंजन वाले अपने पूर्ववर्ती से 20 किलोवाट से अधिक पावर का सृजन करता है।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया की सेल्स एंड मार्केटिंग के वाइस प्रेसिडेंट माइकल जॉप ने कहा, नई एएमजी एस 63 कूपे में है अहम तकनीक और पहले से बेहतर रंग-रूप, जो इस सेगमेंट में एक बेंचमार्क स्थापित करता है और इसे और भी आकर्षक तथा पसंदीदा बनाता है। नई एस-क्लास की शुरुआत के बाद नई एस 63 कूपे का लांच एक रणनीतिक फैसला है। हमें पूरा भरोसा है कि एस 63 हमारे मर्सिडीज-एएमजी के दीवानों को जरूर लुभाएगी।

कंपनी ने कहा कि स्टैंडर्ड रूप में आने वाली कई तरह की सुरक्षा सुविधाओं से बढ़कर, एस 63 कूपे वैकल्पिक सुरक्षा तकनीक के साथ आता है। एक नई रडार आधारित ड्राइविंग सहायता प्रणाली जो दुर्घटनाओं का जोखिम घटाती है और सवारों के साथ-साथ सड़क पर मौजूद अन्य लोगों की सुरक्षा बढ़ाती है। एक्टिव स्टीयरिंग असिस्ट 210 किमी/घंटा तक की गति तक चालक को सड़क के बिल्कुल सीधे या हल्के मोड़ों वाले हिस्सों पर वाहन को अपनी लेन के बीच रखने में मदद करता है।

बयान में कहा गया, एस 63 कूपे में मौजूद ऐक्टिव ब्रेकिंग असिस्ट आपातकालीन ब्रेकिंग फंक्शन सामने के वाहनों और पैदल चलने वालों के साथ दुर्घटना टालने में मदद करता है या दुर्घटना की स्थिति में नतीजों को हल्का कर सकता है। ब्लाइंड स्पॉट असिस्ट लेन बदलने के दौरान चालक को ब्लाइंड स्पॉट के बारे में चेतावनी दे सकता है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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