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जम्मू कश्मीर में गठबंधन तोड़ने पर भाजपा पर देश के कई बड़े नेताओं ने मारे व्यंग्यभेदी बाण
जम्मू कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की गठबंधन की सरकार गिर गई। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एन.एन. वोहरा को इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल ने उसे मंजूर कर दिया। जम्मू कश्मीर में पीडीपी से भाजपा के समर्थन वापस ले लेने पर देश के कई बड़े नेताओं ने भाजपा और मोदी सरकार पर अपने तरकश के व्यंग्यभेदी बाण मारे।
राज्यपाल शासन में यह नुकसान जारी रहेगा : राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा-पीडीपी के अवसरवादी गठबंधन के कारण देश को रणनीतिक कीमत चुकानी पड़ी और राज्यपाल शासन में भी यह नुकसान जारी रहेगा।
The opportunistic BJP-PDP alliance set fire to J&K, killing many innocent people including our brave soldiers. It cost India strategically & destroyed years of UPA’s hard work. The damage will continue under President’s rule. Incompetence, arrogance & hatred always fails.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 19, 2018
राहुल ने ट्वीट किया, “भाजपा-पीडीपी के अवसरवादी गठबंधन ने जम्मू एवं कश्मीर में आग लगा दी, जिसमें हमारे बहादुर सैनिकों सहित कई मासूमों की जान चली गई। इससे भारत को रणनीतिक नुकसान पहुंचा और इससे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की वर्षों की कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया। राज्यपाल शासन में यह नुकसान जारी रहेगा। अयोग्यता, अहंकार और घृणा हमेशा असफल होती है।”
यह गठबंधन शुरुआत से न चलने योग्य था : माकपा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का अवसरवादी गठबंधन था, लेकिन भाजपा का इस समय गठबंधन सरकार से बाहर जाना जम्मू एवं कश्मीर को बड़ी अनिश्चितता में डाल सकता है। माकपा ने यह भी कहा कि भाजपा हालात खराब होने व लोगों के अलगाव के बढ़ने से अपने हाथ नहीं खड़ा कर सकती।
भाजपा के गठबंधन तोड़ने के बाद माकपा ने एक बयान में कहा, “यह गठबंधन शुरुआत से न चलने योग्य था। यह गठबंधन ऐसी ताकतों के बीच था, जिसने कभी भी किसी मुद्दे को सुलझाने की कोशिश नहीं की, बल्कि ये पूरी तरह से पद लाभ को साझा करने व अवसर का फायदा उठाने के लिए साथ आए थे।”
कश्मीर में जल्द चुनाव हो : उमर
पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को जम्मू एवं कश्मीर में जल्द चुनाव कराने की मांग की। उमर ने राज्यपाल एन.एन. वोहरा से मुलाकात की और उसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। उमर अब्दुल्ला ने कहा, “राज्यपाल के पास राज्यपाल शासन लगाने और स्थिति में सुधार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, ताकि नए चुनाव के बाद राज्य में एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन किया जा सके।”
भाजपा के सरकार से हटने के संभावित कारणों के बारे में पूछे जाने पर नेशनल कांफ्रेंस नेता ने कहा, “मैं भाजपा के बारे में नहीं बोल सकता। इस फैसले की क्या वजह रही यह वही बता सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हां, मैं भाजपा के फैसले के समय को लेकर चकित हूं। मुझे उम्मीद थी कि यह इस साल के अंत में होगा, लेकिन हालात बिगड़ने के कारण यह जल्दी हो गया।”
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ने एकतरफा फैसला लेकर पीडीपी को परेशान किया? अब्दुल्ला ने कहा, “पीडीपी परेशान है या नहीं वे जानते होंगे, लेकिन मेरा मानना है कि भाजपा को पीडीपी को विश्वास में लेना चाहिए था।” उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि इन दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर राज्य को पीछे धकेल दिया है।”
कश्मीर में जोर-जबरदस्ती की नीति कारगर नहीं होगी : महबूबा
इस्तीफा दे चुकीं जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य में बल प्रयोग की नीति कार्य नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “हम इस बात पर अटल हैं कि जम्मू एवं कश्मीर में बल प्रयोग की नीति कार्य नहीं करेगी। हम राज्य के साथ शत्रु क्षेत्र जैसा बर्ताव नहीं कर सकते।”
लेकिन उन्होंने आतंकियों पर भी निशाना साधा। महबूबा ने कहा, “संघर्षविराम लोगों की जिंदगियों में राहत लेकर आया था, लेकिन दुर्भाग्यवश दूसरे पक्ष (अलगाववादियों) ने कोई सकरात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी और इसके बजाय वह संघर्षविराम को खत्म करना चाहते थे।”
पीडीपी नेता ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा का भाव है। महबूबा ने कहा, “हमें संविधान के अनुच्छेद 370 और राज्य के विशेष दर्जे के बारे में आशंका थी। हमने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए की रक्षा की है।” (इनपुट आईएएनएस)
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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