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अमेरिकी प्रौद्योगिकी दिग्गजों ने कहा, परिवारों का बंटवारा रोकें
सैन फ्रांसिस्को, 20 जून (आईएएनएस)| अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर माता-पिता से बच्चों के अलगाव की डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए अमेरिका के प्रमुख तकनीकी कंपनियों के सीईओ ने बदलाव का आह्वान किया है। गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने सरकार से ज्यादा मानवीय हल खोजने का आग्रह किया है।
पिचाई ने मंगलवार को ट्वीट किया, सीमा पर अलग होने वाले परिवारों की कहानियां और छवियां अत्यधिक कष्टकारी हैं। उन्होंने अपनी सरकार से साथ मिलकर बेहतर व ज्यादा मानवीय तरीके से हल खोजने का आग्रह किया, जिससे एक राष्ट्र के तौर पर हमारे मूल्य दिखाई दें।
पिचाई परिवारों के सीमा अलगाव के खिलाफ खुले तौर पर सामने आने वाले अकेले नहीं हैं।
सभी कर्मचारियों को बुधवार को लिखे एक पत्र में माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला ने सीमा पर लागू की जा रही नई नीति को क्रूर व अपमानजनक बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रोसॉफ्ट बदलाव के लिए तैयार है।
नडेला ने लिखा, आप में से बहुतों की तरह मैं अमेरिका के दक्षिणी सीमा पर प्रवासी बच्चों को अपने परिवारों से अलग करने की घृणित नीति से त्रस्त हूं। माता-पिता और प्रवासी, दोनों रूप में यह मुद्दा मुझे निजी तौर पर सालता है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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