मुख्य समाचार
इस वर्ष खरीफ फसलों का रकबा 115.90 लाख हेक्टेयर, बढ़ने की उम्मीद
देश में वर्ष 2018—19 खरीफ फसलों का रकबा करीब 115.90 लाख हेक्टेयर है। इस बार पिछले साल की तुलना में इसी वक्त बुवाई करीब 10 फीसद कम है। राज्यों से प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक 22 जून, 2018 तक 115.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई की गई है, जबकि पिछले वर्ष इसी समय 128.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई थी।
जानकारी अनुसार, 10.67 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई/रोपाई हुई है, जबकि 5.91 लाख हेक्टेयर में दलहन, 16.69 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाज, 50.01 लाख हेक्टेयर में गन्ने और 20.68 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई हुई है।
अब तक हुई बुवाई और पिछले साल इसी समय के दौरान हुई बुवाई का ब्यौरा नीचे दिया गया है:-
चावल का वर्ष 2018-19 में बुवाई रकबा 10.67 वहीं वर्ष 2017-18 में बुवाई रकबा 11.17 था। दलहन का वर्ष 2018-19 में बुवाई रकबा 5.91 वहीं वर्ष 2017-18 में बुवाई रकबा 7.82 था। चावल और दलहन का बुवाई रकबा इस वर्ष की तुलना में पिछले वर्ष अधिक था।
मोटे अनाज का वर्ष 2018-19 में बुवाई रकबा 16.69 वहीं वर्ष 2017-18 में बुवाई रकबा 18.34 था। तिलहन का वर्ष 2018-19 में बुवाई रकबा 5.03 वहीं वर्ष 2017-18 में बुवाई रकबा 9.93 था। गन्ना का वर्ष 2018-19 में बुवाई रकबा 50.01 वहीं वर्ष 2017-18 में बुवाई रकबा 49.48 था। जूट एवं मेस्ता का वर्ष 2018-19 में बुवाई रकबा 6.91 वहीं वर्ष 2017-18 में बुवाई रकबा 6.91 था। कपास का वर्ष 2018-19 में बुवाई रकबा 20.68 वहीं वर्ष 2017-18 में बुवाई रकबा 24.70 था।
इस हिसाब से वर्ष 2018-19 में कुल बुवाई रकबा 115.90 हेक्टेयर है।
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महाकुंभ में पहली बार तैनात होंगे ऑल-टेरेन व्हीकल
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को सुरक्षित और हरित महाकुंभ बनाने के लिए संकल्पित योगी सरकार अनेक उपाय कर रही है। इसी क्रम में पहली बार महाकुंभ में ऑल टेरेन व्हीकल तैनात किया जा रहा है। यह व्हीकल मेला क्षेत्र में कहीं भी आग की घटना होने पर चंद सेकेंड्स में घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पा सकेगा। यह फायर एस्टींगुशर समेत तमाम अत्याधुनिक फायर सेफ्टी डिवाइसेज से लैस होगा। रेत, दलदल और छिछले पानी में भी यह पूरी रफ्तार से दौड़ सकेगा। अग्निशमन विभाग के ट्रेन्ड फायरकर्मी इस पर सवार होकर पूरे मेला क्षेत्र में आपात स्थिति पर नजर रखेंगे। इसे पहली बार महाकुंभ में उपयोग में लाया जाएगा। इसके लिए चार ऑल-टेरेन व्हीकल्स प्रयागराज पहुंच चुके हैं और अग्निशमन कर्मियों को इसकी राइडिंग और उपयोग की ट्रेनिंग दी जा रही है। सीएम योगी 25 नवंबर को इन चारों व्हीकल्स समेत अन्य डिवाइसेज को हरी झंडी दिखा सकते हैं। इलेक्ट्रिक बैट्री से संचालित होने वाला यह व्हीकल सीएम योगी के सुरक्षित और हरित महाकुंभ के संकल्प को साकार करेगा।
जर्मनी से प्रयागराज पहुंचे चारों व्हीकल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं (यूपी फायर सर्विसेज) की ओर से मेला क्षेत्र को जीरो फायर इंसिडेंट जोन बनाने की व्यापक तैयारी की गई है। ऑल-टेरेन व्हीकल उसी तैयारी का हिस्सा है। प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि चार ऑल-टेरेन व्हीकल्स को जर्मनी से प्रयागराज लाया गया है। लगभग ढाई करोड़ की लागत वाले इन व्हीकल्स को सीएम योगी स्वयं हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इन व्हीकल्स की तैनाती से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि महाकुंभ मेला प्रारंभ होने के बाद क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी सुचारू रूप से फायर सेफ्टी सर्विसेज का परिचालन किया जा सके। उन्होंने बताया कि वाहन में पानी की टंकियां, नल और पंप सहित अग्निशमन उपकरण लगे हैं, जिससे अधिकारी आग लगने पर तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे। यह त्वरित कार्रवाई आग को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण है, खासकर शुरुआती चरणों में।
आग बुझाने की प्रभावी क्षमता
उन्होंने कहा कि इसमें नॉर्मल एस्टींगुशर के साथ एयर कंप्रेसर और वैमपैक फायर एस्टींगुशर भी है। इसमें गन से 9 लीटर तक पानी का छिड़काव किया जा सकता है। इसमें 8 लीटर पानी और एक लीटर केमिकल होता है जो छिड़काव के बाद फोम बन जाता है। फ्लोरीन-मुक्त फोम में आग बुझाने की प्रभावी क्षमता होती है। यह आग को तेजी से बुझा सकता है। यह ज्वलनशील तरल पदार्थ की आग को भी दबा सकता है और दोबारा आग लगने से रोक सकता है, जिससे यह पारंपरिक फोम का एक विश्वसनीय विकल्प बन जाता है। इसकी डिस्चार्ज डिस्टेंस 45 फीट तक होती है, जिससे सिस्टम ऑपरेटर और आग के बीच सुरक्षित दूरी बनी रहती है। इसमें 75 फीट की नली होती है जो उपयोगकर्ता को किसी भी दिशा में यूनिट के 100 फीट के भीतर आग तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। यह दूरी ऑपरेटर और फायरमैन को विकिरण गर्मी और जहरीली गैसों से भी सुरक्षा प्रदान करती है। यह वाहन अग्निशामकों और प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं के लिए अधिक सुरक्षित है। यह बायोडिग्रेडेबल और ग्रीन शील्ड प्रमाणित भी है। फ्लोरीन-मुक्त फोम वाले वाहनों का उपयोग करने के लिए अग्निशमन कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
भीड़भाड़ वाले इलाकों में आसान होगी पहुंच
उन्होंने बताया कि आग से जुड़ी ज्यादातर बड़ी घटनाओं में, कर्मियों को अक्सर भीड़भाड़ वाले इलाकों का सामना करना पड़ता है, जिससे आग बुझाने के प्रयासों में बाधा आती है। उन इलाकों में दमकल गाड़ियों को ले जाना या उनका संचालन करना मुश्किल होता है। इसके परिणामस्वरूप काफी समय बर्बाद होता है। हम एक ऐसा समाधान चाहते थे जिससे हम भीड़भाड़ वाले इलाकों में जल्दी पहुंच सकें और तुरंत ऑपरेशन शुरू कर सकें। महाकुंभ में जब सभी क्षेत्रों में भारी भीड़ मौजूद रहेगी तब आपातकाल स्थितियों में यह वाहन चंद सेकेंड्स में घटनास्थल पर पहुंच सकेंगे। त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए तेजी से चलने की क्षमता के साथ, यह वाहन विभिन्न प्रकार की आग बुझाने में सक्षम होंगे। यह वाहन रेत, कीचड़ और उबड़ खाबड़ इलाकों के साथ-साथ छिछले पानी में भी चलने में सक्षम है। रेत पर जब वाहन फंस जाता है तब यह बूस्ट मोड में काम करता है जिससे इसके चारों पहिए काम करने लग जाते हैं। यह मात्र 4 घंटे में ही चार्ज हो जाता है और 8 घंटे तक काम करता है। यह 60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है।
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