मुख्य समाचार
आपातकाल में आरएसएस, जनसंघ नहीं थे अग्रणी सेनानी : माकपा
नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)| मार्क्सवादी कम्युनिस्त पार्टी (माकपा) का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और जनसंघ को आपातकाल के दौर के सबसे महत्वपूर्ण सेनानी के रूप में दिखाना चाहती है, लेकिन सच्चाई इससे अलग है। माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में लिखा गया है, जहां यह सच है कि बड़ी संख्या में आरएसएस कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया गया था, वहीं यह भी सच है कि उनमें से कई लोगों ने उनकी रिहाई के लिए इंदिरा सरकार द्वारा बनाई गई 20 शर्तो को स्वीकार कर माफी मांग ली थी।
संपादकीय के अनुसार, जेल से इंदिरा गांधी को दो पत्र लिखकर सरकार को सहयोग करने तथा सरकार के रचनात्मक कार्यक्रमों को समर्थन देने का प्रस्ताव देने वाले आरएसएस के तत्कालीन सरसंघचालक बालासाहेब देवरस के संकेत पर शायद उन्होंने ऐसा किया।
यह संपादकीय 1975-77 के आपातकाल शासन की 43वीं वर्षगांठ के मौके पर लिखा गया है। आपातकाल के दौरान सभी विरोधी राजनीतिक दलों के हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और संविधान में उद्धृत सभी मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गए थे।
संपादकीय के अनुसार, इसके बाद यह तिथि भाजपा नेतृत्व के लिए अपनी घमंडी और विकृत मानसिकता दिखाने का मौका बन गई।
संपादकीय के अनुसार, मोदी सरकार के चार साल अघोषित आपातकाल हैं, जिसमें एक अधिकारवादी शासन का संस्थानीकरण करने के अलावा कुछ नहीं हुआ है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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