प्रादेशिक
उप्र : अवैध खनन के बचाव में उतरे 3 मंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को समूचे विपक्ष ने सूबे में हो रहे अवैध खनन का मुद्दा जोरशोर से उठाया। सवालों के जबाव में उलझे मंत्री जब भाजपा सदस्य को आरोपित करने लगे तो बसपा ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि सरकार ने मान लिया है कि अवैध खनन हो रहा है। सरकार के संरक्षण में हो रहे खनन के विरोध में वह बर्हिगमन कर गई, जबकि भाजपा अंतिम समय तक खनिज मंत्री और सरकार को घेरे रही और उनके बचाव में कभी संसदीय कार्यमंत्री तो कभी खाद्य एवं रसद मंत्री को मोर्चा संभालना पड़ा। विडंबना तो यह है कि प्रदेश में हो रहे अवैध खनन के मामले में सदन में बिगड़ रही सरकार की छवि को बचाने के लिए सरकार के तीन-तीन मंत्रियों को बचाव में उतरना पड़ा। विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य सुरेश राणा ने सरकार से प्रश्न किया कि प्रदेश में हो रहे अवैध खनन की सरकार को जानकारी है, यदि है तो इसे रोकने की जानकारी है या नहीं। इस मामले में खनिज मंत्री ने कहा कि कहीं भी अवैध खनन नहीं हो रहा है और यदि अवैध खनन की सूचना भी मिलती है तो उनके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करती है। इस उत्तर को सुनने के बाद भाजपा सदस्य ने एक-एक उदाहरण देते हुए खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को घेरना शुरू कर दिया। इतना सुनते ही खनिज मंत्री ने प्रश्न को दूसरी ओर मोड़ दिया। उन्होंने कहा कि सदस्य ने यह नहीं बताया कि कहां-कहां अवैध खनन हो रहा है, यह सुनते ही भाजपा और बसपा के तमाम सदस्य हाथ उठाकर खड़े हो गए और झांसी, हमीरपुर, सोनभद्र, बिजनौर, सहारनपुर आदि स्थानों पर हो रहे अवैध खनन की लिस्ट गिनाने लगे। एक सदस्य ने तो यहां तक कह दिया कि सपा सरकार ने पूर्व सरकार के एजेंट को ‘हायर’ कर लिया है और उसी के माध्यम से अवैध खनन करा रही है। इस मुद्दे पर घिरने के बाद उन्होंने उल्टे भाजपा सदस्य पर ही आरोप लगाते हुए कह दिया कि उनका भाई अवैध खनन में लिप्त है या नहीं। मंत्री के मुख से इतना सुनते ही भाजपा के सभी सदस्य उत्तेजित हो गये और इसे सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग करने लगे।
इसी मुद्दे पर बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मंत्री ने यह स्वीकारा है कि प्रदेश में अवैध खनन हो रहा है और सदस्य के भाई का नाम लेकर इसकी पुष्टि भी कर दी है। उन्होंने कहा कि सवाल तो यह पैदा होता है कि यदि मंत्री के संज्ञान में अवैध खनन का मामला है तो इन पर मेहरबानी क्यों? मौर्य ने कहा कि इन बातों से पुष्टि होती है कि सरकार के संरक्षण में अवैध खनन हो रहा है। इसके खिलाफ बसपा के सदस्य सदन का बहिर्गमन करती है। बसपा का बर्हिगमन होने और भाजपा के आक्रामक होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि मंत्री के जवाब से यह स्पष्ट होता है कि अवैध खनन करने वाले चाहे जितने बड़े ही ताकतवर क्यों न हो, उनके खिलाफ कार्यवाही हो रही है। उन्होंने कहा कि बिना बात के सस्ती लोकप्रियता के लिए हमेशा बसपा द्वारा सदन का बहिर्गमन करना खेदजनक है। संसदीय कार्यमंत्री के वक्तव्य पर सुरेश राणा ने विरोध जताते हुए कहा कि उनके सभी भाई सरकारी नौकरी में है यदि किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई हो तो सरकार बताए, इस पर संसदीय कार्यमंत्री को कहना पड़ा कि इसके पक्ष में नहीं है कि सदन में किसी सदस्य विशेष पर कोई आपेक्ष लगाया जाए और न ही ऐसी कोई मंशा है।
इसके बाद पूरक प्रश्न करते हुए लोकेंद्र सिंह ने बिजनौर का उदहारण देते हुए कहा कि उन्होंने 36 स्थानों पर हो रहे अवैध खनन की सूचना जिलाधिकारी व एसपी को दी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई करने के बजाय मामला सुलटाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जब जिलाधिकारी की कार्रवाई के नाम पर मजबूरी बताने लगें तो हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस बात का खनिज मंत्री कोई उत्तर देते उसके पहले ही खाद्य एवं रसद मंत्री ने कहा कि अवैध खनन के स्थानों की सदन के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष को सूची दे दें, उस पर कार्रवाई करा दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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