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मुख्य समाचार

हार्दिक से मिले तेजस्वी, कहा-तानाशाही ताकतों से मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे

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पटना, 30 जून (आईएएनएस)| पटेल नवनिर्माण सेना (पनसे) के अध्यक्ष हार्दिक पटेल यहां शनिवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव से मिले।

दोनों नेताओं ने काफी देर तक बातचीत की। तेजस्वी ने कहा कि ‘हम तानाशाही ताकतों से मिलकर व डटकर लड़ेंगे और जीतेंगे।’ हार्दिक पटेल शाम में तेजस्वी के आवास पर पहुंचे। उनसे मुलाकात के बाद तेजस्वी ने ट्वीट किया, महात्मा गांधी की जन्मभूमि से चलकर कर्मभूमि पधारे युवा साथी हार्दिक पटेल से आज अपने आवास पर मुलाकात हुई। हम युवा दक्षिणपंथी अधिनायकवाद के खात्मे, समतामूलक समाज के निर्माण, किसानों और युवाओं के हितों के लिए संघर्षरत हैं। हम तानाशाही ताकतों से मिलकर व डटकर लड़ेंगे और जीतेंगे।

गुजरात से आए हार्दिक ने शुक्रवार को अपने बिहार दौरे के क्रम में तेजस्वी से मिलने की इच्छा जताई थी।

इसके पहले हार्दिक ने कहा कि बिहार में कुर्मी, कुशवाहा और धानुक जाति के लोग एक हो जाएं तो किसी की नहीं चलेगी। उन्होंने खुद का नाम भी बदलते हुए कहा कि ‘मेरा नाम कुर्मी धानुक हार्दिक पटेल’ है।

पटना में पटेल जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हार्दिक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, इस बार नीतीश चाचा ने मुझे इसलिए नहीं बुलाया कि दिल्ली वाले नाराज हो जाएंगे। मैं कहूंगा कि चाचा हमसे क्यों डर गए? हम नालंदा से चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं।

पटेल नेता ने आरोप लगाया कि इस सम्मेलन में लोगों को आने से रोकने की प्रशासन की तरफ से काफी कोशिश की गई। जगह-जगह नाकाबंदी की गई, फिर भी बड़ी संख्या में लोग सम्मेलन में पहुंचे।

कुर्मी, कुशवाहा और धानुक जातियों से एकजुट होने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, अगर हम एक हो जाएं, तो हमारे आगे किसी की नहीं चलेगी। एकजुट होने पर भी हमारा हक मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि अगले दो साल के अंदर गांधी मैदान में 10 लाख कुर्मियों को इकठ्ठा करना है।

हार्दिक ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग का जिक्र करते हुए कहा, विशेष राज्य के दर्जा के लिए अगर नीतीश डटकर खड़े हुए तो हम भी बिहार की 12 करोड़ जनता के साथ उनकी मदद के लिए आएंगे, लेकिन अगर इसके बहाने वे सिर्फ अपना चेहरा चमकाएंगे तो कोई भी उनके साथ नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि बिहार पिछड़ा राज्य है। अब बारिश के दिनों में अधिकांश हिस्से बाढ़ से ग्रस्त और त्रस्त हो जाएंगे। फिर नीतीश सरकार कहेगी, चूहों ने बांधों में सुराख कर दिया।

हार्दिक ने स्वामीनाथ आयोग की सिफारिश लागू न करने को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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