Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

एआईएफएफ को भारतीय टीम के एशियाई खेलों में भाग लेने की उम्मीद

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)| अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) को उम्मीद है कि नरिंदर बत्रा के नेतृत्व वाली भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों में भारतीय फुटबाल टीम को भाग लेने की अनुमति देगा। आईओए के नियम के अनुसार, महाद्वीपीय स्तर पर एक से आठ तक की रैंकिंग वाली राष्ट्रीय टीम ही एशियाई खेलों में भाग ले सकती है।

भारतीय फुटबाल टीम एशिया में 14वें पायदान पर मौजूद है और हाल में टीम के शानदार प्रदर्शन के बावजूद उसे एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई। भारत टीम आठ साल बाद एएफसी एशियन कप के लिए भी क्वालीफाई करने में कामयाब रही।

एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमें अभी भी उम्मीद है कि टीम को एशियाई खेलों में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। हम स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं और शायद आईओए अपने रुख पर पुनर्विचार करेगा।

कुशल दास ने कहा, हम एशिया में अभी 13वें पायदान पर मौजूद है (आस्ट्रेलिया को हटाकर) और अगर आईओए का मानदंड शीर्ष 8 टीम है तो हम ज्यादा पीछे नहीं हैं। हालांकि, आईओए निर्णय के बावजूद, विकास प्रक्रिया जारी रहेगी।

जापान के हिरोशिमा में 1994 में हुए एशियाई खेलों के बाद यह पहला मौका होगा जब भारतीय फुटबाल टीम इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग नहीं लेगी।

आईओए पर आधिकारिक रूप से बातचीत न करने का आरोप लगाते हुए दास ने कहा, इस बारे में आईओए द्वारा कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई और हमें सिर्फ मौखिक रूप से जानकारी दी गई। आईओए ने कभी भी सही तरीके से संवाद नहीं किया और हमें यह भी नहीं बताया कि क्यों फुटबाल टीमों को एशियाई खेलों में भाग लेने से रोका गया।

दास ने कहा कि एआईएफएफ पुरुष और महिला टीमों का खर्च वहन करने के लिए भी तैयार है।

दास ने कहा, हमने आईओए से अधिकारिक रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि हम पुरुष और महिला टीमों के खर्चो का वहन करने के लिए भी तैयार है।

दास ने कहा, आईओए ने 4 जून को स्पष्टीकरण की मांग की थी जिसके बाद हमारे बीच किसी प्रकार का संवाद नहीं हुआ। यहां तक कि एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा से बात की और उन्हें भी पुनर्विचार करने के उद्देश्य से एक स्पष्टीकरण तैयार करने के लिए कहा गया।

Continue Reading

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

Published

on

Loading

नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

Continue Reading

Trending