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भर्ती बोर्ड दरकिनार, रेलवे ने अनुबंध पर नौकरियों के दरवाजे खोले
नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| रेलवे में कर्मचारियों की कमी को तत्काल दूर करने के लिए कुछ श्रेणियों की रिक्तियों को भरने के लिए अनुबंध पर नियुक्ति की जाएगी।
रेलवे ने भर्ती बोर्ड को दरकिनार करते हुए अनुबंध पर नई नियुक्तियों के दरवाजे खोल दिए हैं। यह कदम रेलवे बोर्ड के माध्यम से भर्ती में होने वाले विलंब के मद्देनजर उठाया गया है।
इसके अलावा रेलवे ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवा लेने का भी फैसला लिया है। सेवानिवृत्त कर्मचारी भाप ईंजन, पुराने कोच और सिग्नल जैसे रेलवे की विरासत को संभालेंगे।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, सेवानिवृत कर्मचारी कुशलतापूर्वक भाप ईंजन, संकेत पद्धति वाले सिग्नल और भाप चालित उपकरणों को संभालने में कुशल हैं। इसलिए अनुबंध पर उनकी नियुक्ति की जा सकती है।
रेलवे की विरासत को संभालने में कुशल सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नियुक्ति की शक्ति जोन के प्रमुख के पास होगी।
दफ्तरों में आशुलिपिकों और सहायकों की कमी से कार्य प्रभावित होने की समस्या का समाधान करने के लिए रेलवे ने डाटा एंट्री ऑपरेटर या एग्जिक्यूटिव असिस्टेंट की मौजूदा रिक्तियों को भरने के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्ति की अनुमति प्रदान की है।
अधिकारी ने बताया कि जोन के प्रमुखों को मौजूदा रिक्तियों के लिए आवश्यक व्यक्तियों की संख्या तय करने के लिए अधिकृत किया गया है। वे संबंधित विभागों से परामर्श के आधार पर यह काम पूरा करेंगे। अनुबंध पर नियुक्त किए जाने वाले कर्मचारियों का पारिश्रमिक सामान्य कार्य अनुसूची के समान होगा।
रेलवे की कार्य प्रणाली में सुधार के मद्देनजर सिलसिलेवार कदम उठाने पर सक्रियतापूर्वक विचार किया जा रहा है जिसके परिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकते हैं।
सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्रसीमा 65 साल है।
इससे पहले रेलवे ने मानवरहित फाटकों पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नियुक्त करने का फैसला लिया था।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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