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मुख्य समाचार

विंबलडन : जोकोविक पांचवीं बार फाइनल में, खिताबी भिड़ंत एंडरसन से

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लंदन, 14 जुलाई (आईएएनएस)| सर्बिया के नोवाक जोकोविक ने दूसरे सबसे लंबे सेमीफाइनल मुकाबले में वर्ल्ड नंबर-1 स्पेन के राफेल नडाल को 6-4, 3-6, 7-6 (9), 3-6, 10-8 से हराकर साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन के पुरुष एकल के फाइनल में प्रवेश कर लिया जहां अब खिताब के लिए रविवार को उनका सामना दक्षिण अफ्रीका के केविन एंडरसन से होगा। 12 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन जोकोविक ने शनिवार को पांच घंटे 15 मिनट में संघर्षपूर्ण जीत हासिल की। जोकोविक 2016 के बाद से पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंचे हैं।

जोकोविक कल ही जीत जाते लेकिन रात के 11 बजने के बाद कर्फ्यू नियमों के कारण मैच को रोक देना पड़ा था। जिस समय मैच रोका गया था उस समय जोकोविक दो घंटे 54 मिनट के बाद तीन सेटों में 6-4, 3-6, 7-6 (9) से आगे चल रहे थे। इसके बाद मैच को शनिवार को शुरू किया गया जहां सर्बियाई खिलाड़ी फाइनल में पहुंचने से एक सेट जीत दूर थे।

जोकोविक फाइनल में एंडरसन से भिड़ेंगे, जिन्होंने ग्रैंड स्लैम इतिहास के सबसे लंबे सेमीफाइनल मुकाबले में अमेरिका के जॉन इस्नर को 7-6 (8-6), 6-7 (5-7), 6-7 (9-11), 6-4, 26-24 से हराकर पहली बार विंबलडन के फाइनल में प्रवेश किया।

शुक्रवार को खेले गए पुरुष एकल के पहले सेमीफाइनल में एंडरसन ने पांचवें सेट में इस्नर के 13वें प्रयास को विफल करते हुए छह घंटे 36 मिनट के मैराथन मुकाबले में जीत दर्ज की।

छह फुट आठ इंच लंबे एंडरसन पहले सेट को टाइब्रेकर में ले गए, जहां उन्होंने एक सेट अंक बचाया। दूसरा सेट भी टाइब्रेकर में गया, जहां इस बार अमेरिकी खिलाड़ी ने बाजी मारी।

तीसरा सेट ऐसा लगा जैसे कि यह मैच का टर्निग पॉइंट साबित होगा, लेकिन इस्नर ने शानदार वापसी करते हुए टाइब्रेकर में यह सेट अपने नाम किया। हालांकि एंडरसन ने सर्विस ब्रेक गंवाने के बावजूद चौथा सेट अपने नाम किया।

एंडरसन ने पांचवें और अंतिम सेट में इस बार एक भी अंक नहीं गंवाया और पांववें सेट को जीतकर पहली बार विंबलडन के फाइनल में कदम रख दिया।

विंबलडन में एकल वर्ग के इतिहास में यह अबतक का सबसे लंबा सेमीफाइनल मैच है। इतना लंबा मैच खेलने के बाद भी एंडरसन आखिरकार मैदान पर खड़े रहे। वहीं इस्नर इससे पहले भी विंबलडन में ही 2010 में फ्रांस के निकोलस माउत के खिलाफ 11 घंटे पांच मिनट का मैच खेल चुके हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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