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शरीफ को दोषी करार देने वाले न्यायाधीश ने 2 मामलों से खुद को अलग किया
इस्लामाबाद, 17 जुलाई (आईएएनएस)| भ्रष्टाचार रोधी अदालत के न्यायाधीश ने पीएमएल-एन नेता व पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो अन्य मामलों की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। न्यायाधीश ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एवेनफील्ड भ्रष्टाचार मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। उन्होंने उनकी बेटी मरियम और उनके दामाद सफदर अवान को भी सजा सुनाई थी।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायाधीश मोहम्मद बशीर ने सोमवार को अल-अजीजिया स्टील मिल्स व हिल मेटल इस्टेबलिशमेंट एंड फ्लैगशिप व दूसरे संदर्भो की सुनवाई से सोमवार को खुद को अलग कर लिया।
इन मामलों के स्थानांतरण की मांग करते हुए अपने आवेदन में शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस ने कहा कि चूंकि सभी तीनों संदर्भो में बहस व साक्ष्य समान हैं, ऐसे में अगर वही न्यायाधीश मामले की सुनवाई करते हैं तो नतीजा भी समान हो सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, न्यायाधीश बशीर ने कहा कि अगर मामले स्थानांतरित किए जाते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं हैं क्योंकि वह इन मामलों की सुनवाई नहीं कर सकते।
पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने 6 जुलाई को शरीफ उनकी बेटी मरियम नवाज व दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) सफदर अवान को ब्रिटन में चार लक्जरी फ्लैटों के मामले में दोषी करार दिया।
तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ पर आय से ज्यादा संपत्ति रखने का आरोप है। हालांकि, इन आरोपों से शरीफ ने इनकार किया है और इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया।
उन्होंने अपने को दोषी करार दिए जाने को सोमवार को चुनौती दी और फैसले को निलंबित करने की मांग की।
शरीफ के वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में उनकी रिहाई की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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