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अभी शुरुआत है, एक दिन आसमान छुएगी हिमा : कोच निपोन (साक्षात्कार)

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नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)| कुछ दिन पहले तक दुनिया को धान की खेती करने वाले किसान की बेटी हिमा दास का नाम भी नहीं पता था और आज पूरी दुनिया उनकी हिम्मत का लोहा मान चुकी है।

एआईएफएफ की अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप में महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा का स्वर्ण जीतने वाली हिमा ने इतिहास कायम किया है।

हिमा की इस सफलता की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म की कहानी से कम नहीं, जिसमें उनके कोच निपोन दास की सबसे अहम भूमिका है।

कोच निपोन का मानना है कि हिमा के लिए यह सफलता की शुरुआत है। वह अभी आसमान का ऊंचाईयों को छुएंगी और एशियाई खेलों में पदक हासिल करेंगी।

गुवाहाटी से आईएएनएस को फोन पर दिए एक साक्षात्कार में खेल और युवा कल्याण निदेशालय के साथ एथलेटिक्स कोच के तौर पर जुड़े निपोन ने कहा, हिमा में हमेशा से अपने सपनों को पाने की भूख और ललक थी और ऐसा हुआ भी। जब जनवरी, 2017 में पहली बार मेरी उससे मुलाकात हुई थी, तो मैं जानता ता कि वह आसमान छुएगी और देश के लिए कुछ बड़ा करेगी।

असम के छोटे से गांव की निवासी 18 साल की हिमा ने अपने दिन फुटबाल के मैदान पर अभ्यास करते बिताए और साथ में धान की खेती भी की। इसी समय निपोन की हिमा से मुलाकात हुई थी।

निपोन ने हिमा के माता-पिता को उसे गुवाहाटी भेजने के लिए मनाया और उसका दाखिला राज्य स्तर की अकादमी में कर दिया। इस अकादमी में केवल मुक्केबाजी और फुटबाल सिखाया जाता था। कोच नबाजित मलाकार उसके प्रदर्शन और प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हिमा को उसी साल केन्या में आयोजित विश्व युवा चैम्पियनशिप में भेज दिया।

खेल के प्रति अपने प्यार के बारे में बात करते हुए निपोन ने कहा, वह हमेशा 100 मीटर और 200 मीटर रेस में हिस्सा लेती थी और बेहतरीन प्रदर्शन कर रही थी। हालांकि, हमने सोचा कि वह 400 मीटर रेस में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। ऐसे में मैंने 400 मीटर के लिए उनके ट्रायल लेने शुरू कर दिए और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद, 400 मीटर के लिए उनके कार्यक्रम की शुरुआत हो गई।

निपोन ने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि हिमा बेहद मेहनती, लक्ष्य के प्रति समर्पित है और उनकी मानसिक क्षमता बेहद अच्छी है। उन्होंने चीजें देखकर सीखना शुरू किया। जब वह मैदान पर रहती हैं, तो काम के अलावा कुछ भी उनका ध्यान नहीं बांट सकता।

कोच ने कहा कि हिमा को हमेशा से लड़कों के साथ प्रशिक्षण लेना पसंद है। यह एक रणनीति है। अगर एक लड़की लड़कों के साथ प्रशिक्षण लेती है, तो उसका प्रदर्शन सुधरेगा। उनका आत्मविश्वास बेहद मजबूत है और जब वह कुछ करने की ठान लेती हैं, तो उसे करके ही हटती हैं।

इस मामले में हिमा का परिवार भी उनका पूरा समर्थन करता है। गुवाहाटी जाने के लिए उनके परिजनों ने उन्हें आसानी से स्वीकृति दे दी।

निपोन ने कहा कि वह अब हिमा की छोटी बहन को भी समर्थन देने की सोच रहे हैं। उनकी असम जाकर प्रतिभा की तलाश करने की योजना है। ऐसे में वह अच्छे उम्मीदवार की हर संभव रूप से मदद करेंगे। हिमा की भी यहीं योजना है।

कोच निपोन ने कहा कि कुछ दिन पहले दुनिया को हिमा का नाम भी नहीं पता था लेकिन अब पूरा विश्व उन्हें जानता है।

उन्होंने कहा, लोग मुझे कह रहे हैं कि वह हिमा की हर संभव तरीके से मदद करेंगे। इसी तरह हम अन्य खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहते हैं और यहीं हमारा लक्ष्य है। हमने एक हिमा को विश्व जीतते देखा है, लेकिन हम दुनिया को ऐसी और भी हिमा देना चाहते हैं।

हिमा के भविष्य के लक्ष्यों के बारे में निपोन ने कहा कि वह एशियाई खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहती हैं।

कोच ने कहा, मैं आश्वस्त हूं कि हिमा 18 अगस्त से शुरू हो रहे एशियाई खेलों में जीत हासिल करेगी। उसे मुझसे अधिक विश्वास है। उसने हमेशा से कहा है कि जब वह रेस को खत्म करने के लिए कम समय लेगी, तो वह अपने आप ही जीत जाएगी। इससे सच में एशियाई खेलों में भारत को गर्व महसूस होगा।

समाज के हर पक्ष से हिमा को बधाई संदेश मिल रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उनके नाम को ढूंढने के लिए उनकी जाति ढूंढ रहे हैं।

लोगों की सोच को बदलने में लगने वाले समय के बारे में निपोन ने कहा, कुछ लोग की नकारात्मक सोच रखते हैं। वे किसी को सफल होते हुए देखना ही नहीं चाहते हैं। हर इंसान आलोचना करने के लिए ही जन्म लेता है, लेकिन कुछ आलोचनाएं रचनात्मक होती हैं। हम लोगों के सोचने के तरीके को नहीं बदल सकते। यह उनके व्यवहार का हिस्सा है और इस पर किसी का नियंत्रण नहीं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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