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मुख्य समाचार

बिजली की आग से प्रतिदिन 13 लोगों की मौत

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| वर्ष 2016-17 में बिजली की दुर्घटनाओं से प्रतिदिन औसतन 13 लोगों की मृत्यु हुई और इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट के कारण आग की 13 प्रतिशत दुर्घटनाएं हुईं। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार आवासीय और वाणिज्यिक स्थानों पर आग की बड़ी दुर्घटनाएं देखी गई हैं, जिन्होंने कई लोगों का जीवन छीना और कई लोगों को चोटिल किया। इसलि बिजली से सुरक्षा पर ध्यान देना अति आवश्यक है। इसे देखते हुए इंटरनेशनल कॉपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईसीए इंडिया) ने घरों और कार्यस्थलों में बिजली संबंधी दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए बिजली से सुरक्षा की आवश्यकता पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए अभियान चला रही है।

आईसीए इंडिया ने गुरुवार को दिल्ली में राष्ट्रीय जागरूकता अभियान ‘सेफ वायरिंग, सेफर बिल्डिंग्स’ लांच किया है। गृह मंत्रालय, सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस के साथ मिलकर आयोजित इस अभियान का लक्ष्य जागरूकता उत्पन्न करना, बिजली से सुरक्षा की उपयुक्त नीतियों पर शिक्षित करना और इलेक्ट्रिकल वायरिंग का सही मैटेरियल और सही आकार सुनिश्चित करना है।

इंटरनेशनल कॉपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईसीए इंडिया) में बिल्डिंग वायर के मुख्य प्रबंधक अमोल कलसेकर ने कहा, बिजली हर जगह है और हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करती है। प्रतिवर्ष बिजली से लगने वाली आग, चोट और मृत्यु की रोकथाम के लिए बिजली संबंधी जोखिमों के प्रति जागरूकता पैदा करना जरूरी है। बिजली से सुरक्षा के मुख्य सिद्धांतों को समझने और सुरक्षित अभ्यासों का पालन करने से कई दुर्घटनाएं रोकी जा सकती हैं। हम सुरक्षित घर और कार्यालय के लिए सही आकार की वायरिंग पर जोर देते हैं और उपभोक्ता तथा उद्योग को समस्याओं और जोखिम के प्रति जागरूक करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बिजली से सुरक्षा को उच्च महत्व दिया है और कठोर मानकों तथा नीतियों को लागू किया है। हालांकि खराब औद्योगिक अभ्यासों, अनुपयुक्त या कमजोर प्रतिष्ठापन, छोटे आकार और कम गुणवत्ता के वायर्स और इलेक्ट्रिकल उपकरण के उपयोग से मानकों का लागूकरण प्रभावित हुआ है। इसका प्रमुख कारण सुरक्षा विनियमन की समझ और शिक्षा का अभाव है।

आईसीए इंडिया का जागरूकता अभियान यूजर्स को नए सुरक्षा मानकों, संबद्ध भारतीय मानकों, अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों की जानकारी और जोखिम कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकी की उपलब्धता से शिक्षित करने पर केन्द्रित है।

बयान में कहा गया कि आईसीए इंडिया ने 15000 इलेक्ट्रिशियन्स और इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रैक्टर्स को बिजली प्रतिष्ठापन के सुरक्षित अभ्यासों का प्रशिक्षण दिया है व राष्ट्रीय मानकों, कोड्स और विनियमनों का अनुपालन सुनिश्चित किया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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