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मुख्य समाचार

मोदी ने भारत-रवांडा आर्थिक संबंधों की मजबूती का आह्वान किया

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नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत और रवांडा के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने साथ ही रवांडा को पूरे अफ्रीका का मुख्यद्वार बताया। मोदी ने किगाली में भारत-रवांडा बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए कहा, हम भारत और रवांडा के बीच आर्थिक संबंध बेहतर करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, हमारे देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं। ग्रामीण विकास और छोटे स्तर के उद्योगों में अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि जैसा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, हमारा मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है।

प्रधानमंत्री ने कहा, हम आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन जो हमारे साथ हैं, हम उन्हें भी आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं। हम एकसाथ आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि एक समय जब दुनिया अफ्रीका की ओर नहीं देख रहा था, भारतीय इस महादेश में गए और इसके विकास का हिस्सा बने।

मोदी ने कहा, जब आप रवांडा आए, तो आप यह नहीं सोचे कि आप इसकी सीमाओं में बंधे हो। आप यहां पूरे अफ्रीका के लिए मुख्यद्वार पाओगे।

मोदी तीन अफ्रीकी देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर सोमवार को रवांडा पहुंचे। वहां के बाद वह युगांडा और दक्षिण अफ्रीका जाएंगे।

रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद, भारत और रवांडा ने रक्षा, कृषि, डेयरी उत्पाद, चमड़ा और संबद्ध क्षेत्रों समेत आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

भारत ने रवांडा के साथ 20 करोड़ रुपये के दो लाइंस ऑफ क्रेडिट(एलओसी) का विस्तार किया।

मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत रवांडा में एक नया उच्चायोग खोलेगा। रवांडा के लिए भारतीय उच्चायुक्त का आवास युगांडा में है।

इससे पहले मोदी मंगलवार को रवांडा के एक गांव गए और इस पूर्वी अफ्रीकी देश में आर्थिक विकास परियोजना के लिए 200 गायों को दान में दिया।

मोदी मंगलवार को रवांडा में किगाली नरसंहार स्मारक गए। यह स्मारक तुत्सी लोगों के खिलाफ 1994 में हुए नरसंहार के दौरान मारे गए लोगों को याद में बनाया गया था।

मोदी का रवांडा दौरा किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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