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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सोशल मीडिया में कमेंट करने पर तुरंत नहीं होगी गिरफ्तारी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए के तहत प्राप्त अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करार देते हुए उसे निरस्त कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद फेसबुक, ट्विटर सहित सोशल मीडिया पर की जाने वाली किसी भी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए पुलिस आरोपी को तुरंत गिरफ्तार नहीं कर पाएगी।
न्यायालय ने यह महत्वपूर्ण फैसला सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़े इस विवादास्पद कानून के दुरुपयोग की शिकायतों को लेकर इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया। न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 66ए को पूरी तरह निरस्त किया जाता है। न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा, “हमारा संविधान विचार, अभिव्यक्ति एवं धर्म की आजादी प्रदान करता है। किसी भी लोकतंत्र में ये मूल्य संवैधानिक व्यवस्था के तहत मुहैया कराए जाने होते हैं। इस संबंध में धारा 66ए पूरी तरह अस्पष्ट है।” पीठ ने कहा कि आईटी अधिनियम की धारा 66ए के तहत निर्धारित प्रतिबंध लोगों के जानने के अधिकार पर रोक लगाते हैं।
कोर्ट का यह आदेश आईटी अधिनियम की धारा 66ए की वैधता को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया है। याचिकाओं में दावा किया गया था कि यह पूरी तरह अस्पष्ट है, जिसके कारण प्रशासन इसका दुरुपयोग करता है। इनमें से एक याचिका वर्ष 2012 में श्रेया सिंघल ने दो लड़कियों- शाहीन ढाडा और रीनू श्रीनिवासन- की ओर से शिवसेना नेता बाला साहेब ठाकरे के निधन के बाद मुंबई में बंद और यातायात जाम की स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी के कारण उनकी गिरफ्तारी के बाद दायर की थी।
बाद में गैर-सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’, ‘पीपुल यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी’ और आत्मनिर्वासन में जी रही बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन सहित कई अन्य ने भी इस धारा को चुनौती दी। इस मामले में न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की पीठ ने भी सुनवाई की थी, लेकिन वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी।
हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए एक छात्र को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिस पर न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
धारा 66ए के मुताबिक, “यदि कोई व्यक्ति कंप्यूटर के किसी भी संसाधन का इस्तेमाल करते हुए कोई ऐसी बात कहता है, जिसकी प्रकृति धमकी भरी हो या जिसके बारे में उसे मालूम हो कि वह गलत साबित होगी, लेकिन बस दूसरों को खिझाने, उनकी असुविधा, उन्हें खतरे में डालने, बाधा उत्पन्न करने या अपमानित करने के लिए ऐसी बात कहता है, उसे तीन साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।” केंद्र सरकार ने यह कहते हुए धारा 66ए का बचाव किया था कि इस प्रावधान का उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मिली अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाना नहीं था, लेकिन विशाल साइबर दुनिया को अनियंत्रित भी नहीं छोड़ा जा सकता।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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