Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

लाइफ स्टाइल

Happy Friendship Day 2018 : ऐसे फिल्मी डायलॉग जिसको बोलते ही आपकी दोस्ती हो जाएगी पक्की

Published

on

Loading

दोस्त तो हर किसी के लाइफ में होते हैं लेकिन दोस्ती का असल मतलब क्या होता है बहुत कम लोग जानते हैं। दोस्त, एक ऐसा शब्द है जो आपके जीवन की सारी दिक्कतों को या तो खत्म कर देता है या मिलकर सामना करता है। पौराणिक काल से ही दोस्ती और उसके मायने क्या होते हैं इसपर काफी लोक कथाएं प्रचिलित हैं। कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की तो मिसालें दी जाती हैं। हमारे बॉलीवुड में भी दोस्ती पर काफी सारी फिल्में बनी हैं और हिट भी हुई हैं। आइये हम बॉलीवुड की गलियारों से दोस्ती पर आपके लिए कुछ डायलॉग्स निकाल कर लाये हैं जो आपके दोस्ती को और भी गहरी कर देगा –

‘दोस्ती का एक उसूल है मैडम…नो सॉरी नो थैंक्यू’ –

1989 में आई सूरज बड़जात्या की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में सलमान और भाग्यश्री की केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा था। फिल्म के डायलॉग्स भी काफी फेमस हुए थे। फिल्म का एक डायलॉग ‘दोस्ती का एक उसूल है मैडम…नो सॉरी नो थैंक्यू’ आज भी लोगों के जुबान पर सुनने को मिल जाता है।

‘दोस्ती की है तो निभानी तो पड़ेगी’ – 

सलमान और भाग्यश्री की इसी फिल्म का एक और डायलॉग लोग अक्सर कहते-सुनते दिखाई दे जाते हैं। फिल्म में ये डॉयलॉग भाग्यश्री की मधुर अवाज में और भी अच्छा लगता है। अगर आपका दोस्त भी आपसे कोई शिकायत करता है, तो आप भी ये डायलॉग मारकर उसके सामने अपनी दोस्ती की गहराई दिखा सकते हैं।

‘दो दोस्त एक कप में चाय पिएंगे, इससे दोस्ती बढ़ती है’ –

ये डायलॉग 1994 में आई राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ का है। फिल्म में सलमान खान और आमिर खान की जोड़ी खूब पसंद की गई थी। खासकर फिल्म के डायलॉग तो आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं।

‘प्यार दोस्ती है, अगर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती, तो मैं उससे कभी प्यार ही नहीं कर सकता’  –

ये डायलॉग शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्मों में से एक ‘कुछ कुछ होता है’ का है। वैसे तो ये पूरी फिल्म प्यार और दोस्ती के इर्द-गिर्द घूमती है जहां दोस्ती को एक खास जगह दी गई है। फिल्म की एक डायलॉग फिल्म की जान है। ‘प्यार दोस्ती है, अगर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती, तो मैं उससे कभी प्यार ही नहीं कर सकता, क्योंकि दोस्ती बिना तो प्यार होता ही नहीं, सिम्पल, प्यार दोस्ती है, लव इस फ्रेंडशिप’। सिंपल है दोस्ती में प्यार होना जरूरी है और अगर आप भी अपने दोस्त से प्यार करते हैं तो इस फ्रेंडशिप डे इस डायलॉग से उसके दिल को खुश कर दीजिए।

‘दोस्त फेल हो जाए तो दुख होता है, लेकिन दोस्त फर्स्ट आ जाए तो ज्यादा दुख होता है’ –

फिल्म थ्री इडियट का यह डायलॉग दरअसल लाइफ का एक फैक्ट है और शायद ये डॉयलॉग पढ़ते ही आपको यह सीन याद भी आ जाए। आपको इस फिल्म में शरमन जोशी, आमिर खान और आर माधवन की दोस्ती ने खूब रुलाया भी होगा और हंसाया भी। असल जिंदगी में भी दोस्ती कुछ ऐसी ही होती है। लड़ाई-झगड़े के बाद भी एक-दूसरे के साथ रहना पक्की दोस्ती का सबूत है।

लाइफ स्टाइल

साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान  

Published

on

By

high cholesterol symptoms

Loading

नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?

हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।

शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?

हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।

क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।

गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।

ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।

इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Continue Reading

Trending