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मुझे ड्रोन हमले के जरिए जान से मारने की कोशिश हुई : वेनेजुएला के राष्ट्रपति
काराकस, 5 अगस्त (आईएएनएस)| वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने कहा है कि विस्फोटकों वाले ड्रोनों के हमले में उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। राष्ट्रपति मदुरो ने इस हत्या के प्रयास के लिए चरमपंथी गुटों और कोलंबिया के निवर्तमान राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सांतोस को जिम्मेदार ठहराया है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि ‘राष्ट्रपति के खिलाफ आतंकवादी हमले का यह प्रयास’ शनिवार शाम को उस वक्त हुआ जब मदुरो बोलीविया नेशनल गार्ड की 81वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्हें तुरंत मंच से उतारकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
संचार मंत्री जॉर्ज रोड्रिगेज ने कहा कि मदुरो अपने भाषण में देश को आर्थिक सुधार की तरफ ले जाने की बात कर रहे थे, उसी समय मंच के पास ही विस्फोटकों से भरे दो ड्रोन में विस्फोट हुआ।
इस घटना की तस्वीरों में अंगरक्षक मदुरो के सामने कूदकर आते दिख रहे है और एक वर्दीधारी अधिकारी अपने सिर से बह रहे खून को दबाए हुए दिख रहा है। वीडियो में राष्ट्रपति की पत्नी सीलिया फ्लोरस डरी हुई दिख रही हैं।
इस घटना के बाद सरकारी टीवी पर शनिवार की रात अपने संबोधन में मदुरो ने कहा, दुनिया में मेरे सभी दोस्तों, मैं ठीक हूं, मैं जीवित हूं।
उन्होंने कहा, एक उड़ती हुई चीज मेरे सामने फटी। बहुत बड़ा धमाका था। कुछ सेकंड बाद दूसरा विस्फोट हुआ।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में उन्होंने सोचा कि विस्फोट पटाखे के हैं, जो परेड का हिस्सा हैं।
मदुरो ने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इसमें शामिल कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनके आरोप तय किए गए हैं। हालांकि, उन्होंने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का उल्लेख नहीं किया।
मदुरो ने कहा, प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि हमले के लिए जिम्मेदार बहुत से लोग, इसके लिए आर्थिक मदद देने वाले व इसके योजनाकार अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में रहते हैं।
मदुरो ने कहा, मुझे उम्मीद है कि अमेरिका का (राष्ट्रपति डोनाल्ड) ट्रंप प्रशासन उन आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए तैयार है, जो हमारे महाद्वीप में शांतिपूर्ण देशों पर हमला करते हैं, इस मामले में उन्होंने वेनेजुएला में किया है।
हमले के लिए कोलंबिया को जिम्मेदार ठहराते हुए मदुरो ने कहा, सभी जांचे कोलंबिया की तरफ संकेत दे रही हैं। उन्होंने मेरी हत्या का प्रयास किया।
वेनेजुएला सरकार लंबे समय से कोलंबिया पर तख्ता पलट की साजिश रचने का आरोप लगाती रही है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कोलंबिया सरकार ने कहा कि मदुरो के आरोपों का कोई आधार नहीं है।
कोलंबिया के राष्ट्रपति कार्यालय के एक सूत्र ने बोगोटा में मीडिया से कहा, यह निराधार है। राष्ट्रपति सांतोस विदेशी सरकारों का तख्ता पलटने में नहीं बल्कि अपनी पोती सेलेस्टे के बैप्टिज्म में व्यस्त हैं।
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, इस बीच एक अज्ञात समूह ‘सोल्डाडोस डी फ्रेनेला’ ने ट्विटर पर हमले की जिम्मेदारी ली है और इसे ‘ऑपरेशन फोनिक्स’ करार दिया है।
इस समूह ने ‘सैन्य व नागरिक देशभक्त समूह’ होने का दावा किया है जो ‘वेनेजुएला के लोगों के प्रति वफादार है।’
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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