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एशियाई खेल (मुक्केबाजी) : विकास, थापा, सोनिया पर उम्मीदों का दारोमदार (प्रीव्यू)

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जकार्ता, 23 अगस्त (आईएएनएस)| 18वें एशियाई खेलों में मुक्केबाजी के मुकाबले शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं, जो 1 सितंबर तक खेले जाएंगे। मुक्केबाजी एक ऐसा खेल है जिसमें भारत को ज्यादा से ज्यादा पदकों की उम्मीद है। भारत ने अभी तक एशियाई खेलों में कुल 55 पदक अपने नाम किए हैं, जिनमें से आठ स्वर्ण, 16 रजत और 31 कांस्य पदक अपने नाम किए हैं।

वहीं, अगर दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2014 में खेले गए पिछले एशियाई खेलों की बात की जाए तो भारत ने कुल पांच पदक अपने नाम किए थे जिसमें से एक स्वर्ण और चार कांस्य पदक थे। मैरी कॉमी ने 51 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण जीता था। वह हालांकि इस बार एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले रही हैं।

पिछले एशियाई खेलों के पदकधारियों में सिर्फ विकास कृष्ण ही इस बार जकार्ता पहुंचे हैं। उन्होंने पिछली बार कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था। 75 किलोग्राम भारवर्ग में उतरने वाले विकास कृष्णा के पास इन खेलों में एक इतिहास रचने का मौका है।

वह 2010 में स्वर्ण भी जी चुके हैं अगर इस बार भी वह स्वर्ण पदक अपने नाम कर लेते हैं तो एशियाई खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले मुक्केबाज बन जाएंगे।

वहीं, शिव थापा से 56 किलोग्राम भारवर्ग में पदक की उम्मीद होगी। उनके अलावा 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले मनोज कुमार 69 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

राष्ट्रमंडल खेलों में 52 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने वाले गौरव सोलंकी से भी देश को पदक की आस है। गौरव ने हालिया दौर में अच्छा प्रदर्शन किया है।

राष्ट्रमंडल खेलों के बाद केमेस्ट्री कप में गौरव ने सोने का तमगा हासिल किया था और वह राष्ट्रीय रैंकिंग में अच्छा सुधार कर चुके हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में ही कांस्य पदक जीतने वाले मोहम्मद हुसामुद्दी 56 किलोग्राम भारवर्ग में अपने पदक के रंग को बदलना चाहेंगे।

49 किलोग्राम भारवर्ग में अमित पंघल के ऊपर भारत का दारोमदार होगा। अमित भी उन खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 49 किलोग्राम भाकरवर्ग में रजत पदक अपने नाम किया था। उनसे भी पदक की उम्मीदें होंगी। 64 किलोग्राम भारवर्ग सेना के मुक्केबाज धीरज पर जिम्मेदारी होगी।

वहीं महिला वर्ग में 57 किलोग्राम भारवर्ग में सोनिया लाठर पदक की बड़ी दावेदार हैं। उन्होंने 2016 की विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। उमाखानोव मेमोरियल टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीतने वाली पवित्रा 60 किलोग्राम भारवर्ग में भारत के लिए रिंग में उतरेंगी।

51 किलोग्राम भारवर्ग में सरजू बाला देवी ने अपने पहले एशियाई खेलों में पदक से खाता खोलने के मूड में हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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