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मुख्य समाचार

अपूर्व असरानी ने कंगना पर साधा निशाना

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मुंबई, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| फिल्म लेखक-संपादक अपूर्व असरानी ने सोशल मीडिया पर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना पर निशना साधा है और कहा है कि फिल्म में कैमरे के पीछे भी खुद की उपस्थिति जताना, हावी होना और अपनी बात मनवाने जैसी हरकतें करना उनके लिए ‘हारा-कीरी’ (आत्महत्या) जैसा है।

वह खुद को गर्त में धकेल रही हैं।

कंगना और असरानी के बीच की खींचतान सबसे पहले फिल्म ‘सिमरन’ (2017) को लेकर सामने आई थी, जब अभिनेत्री ने कहा था कि असरानी ने इस फिल्म की जो कहानी लिखी थी, वह काफी डार्क थी और उन्होंने इसमें कुछ बदलाव किए। उस समय भी लेखक ने कंगना की खूब आलोचना की थी।

असरानी ने शनिवार को ट्विटर पर कंगना की एक बार फिर आलोचना की।

उन्होंने ट्वीट किया, एक स्टार फिल्म को हाइजैक कर रही है और यूनिट के सदस्यों की कड़ी मेहनत को दबाना हारा-कीरी का सबसे खराब स्वरूप है। जब इससे प्रभावित फिल्मकार इसे नियंत्रित नहीं कर सकते और इसके बजाय चुप्पी साध लेते हैं तो वे एक बहुत अहंकारी शख्स को उपद्रव मचाने देते हैं और आखिरकार फिल्म को बर्बाद करने देते हैं।

एक यूजर ने जब उनसे पूछा कि इसके लिए विकल्प क्या है तो उन्होंने कहा कि पहले दिन से इस संबंध में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनानी चाहिए।

लेखक ने कहा कि अगर कोई और आपकी फिल्म को निर्देशित कर रहा है और आप उसे रोकने में असमर्थ हैं तो फिर बस फिल्म से अलग हो जाएं।

जैसा कि कंगना की आगामी फिल्म ‘मणिकर्णिका’ के निर्देशक क्रिश एक अन्य फिल्म में बेहद व्यस्त हैं, कंगना फिल्म के पैचवर्क को निर्देशित करने में जुट गई हैं।

सोनू सूद के फिल्म से अलग होने के बाद यह मामला सुर्खियों में हैं। अभिनेता ने फिल्म ‘सिम्बा’ के प्रति पेशेवर प्रतिबद्धताओं के चलते इसे छोड़ दिया। हालांकि, कंगना ने सोनू को निशाने पर लेते हुए दावा किया है कि उन्होंने फिल्म इसलिए छोड़ी क्योंकि वह एक महिला निर्देशक के निर्देशन में काम नहीं करना चाहते थे।

सोनू ने कंगना के इन दावों को नकार दिया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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