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मुख्य समाचार

उम्रकैदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री को लिखा धमकी भरा पत्र

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बिलासपुर, 3 सितंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर की केंद्रीय जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे पुष्पेंद्रनाथ चौहान (40) ने धमकी भरा पत्र लिखकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को जान मारने की धमकी दी है और 50 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है।

यह धमकी भरा पत्र जब ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा, तो हड़कंप मच गया। इस पत्र के संबध में छत्तीसगढ़ के गृह विभाग से संपर्क किया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए कारागार विभाग के महानिदेशक गिरधारी नायक सोमवार को बिलासपुर केंद्रीय जेल पहुंचे।

नायक ने कैदी पुष्पेंद्रनाथ चौहान से मुलाकात कर पहले उससे पूछताछ की, बाद में उसकी आपराधिक कुंडली खंगाली। चौहान के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती जैसे अपराधों के 42 अलग-अलग मामले अदालत में विचाराधीन हैं। वह एक मामले में 7 साथ और दूसरे में 3 साल, यानी 10 साल की उम्रकैद की सजा काट रहा है। फिलहाल 40 मामले अदालत में लंबित हैं।

डीजी (जेल) नायक ने कहा कि यह पहली मर्तबा नहीं है। पुष्पेंद्र पहले भी कई लोगों को चिट्ठी लिखकर धमकी दे चुका है। इसके लिए उसे जेल मैनुअल के तहत 5 से 6 बार सजा दी जा चुकी है। उसे जब जब अदालत में पेशी के लिए लाया जाता है, वह चिट्ठी साथ लाता है और उसे बाहर भिजवा देता है। चर्चा में आने के लिए अब उसने ओडिशा के मुख्यमंत्री को धमकी भरा पत्र लिखा है।

उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में है, इसलिए जेल अधीक्षक एस.एस. तिग्गा को आरोपी के खिलाफ एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए हैं।

नायक ने बताया कि धमकी भरे पत्र में आरोपी कैदी ने बिलासपुर केंद्रीय जेल का पता दिया है। इससे साफ है कि कैदी चर्चित होना चाहता है।

डीजी (जेल) ने मीडिया से कहा कि ओडिशा में पत्र मिलने से वहां की पुलिस सक्रिय हो गई है। ओडिशा पुलिस ने बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख को भी पत्र लिखा है। पत्र मिलते ही एसपी आरिफ ने एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने बताया कि एएसपी चंद्राकर ने भी जेल पहुंचकर आरोपी चौहान घंटों पूछताछ की। कैदी चौहान के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की बात सामने आई है। जांजगीर-चाम्पा जिले के निवासी चौहान को 25 जुलाई, 2009 को बिलासपुर केंद्रीय जेल में बंद किया गया था।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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