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मुख्य समाचार

छग : धान के समर्थन मूल्य संग बोनस भी मिलेगा

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रायपुर, 4 सितंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार को हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक के बाद डॉ. रमन सिंह ने केबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने एक नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी के दौरान किसानों को धान के समर्थन मूल्य के साथ-साथ प्रति क्विंटल 300 रुपये का बोनस देने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने बताया कि इस बार किसानों को धान पर लगभग 2400 करोड़ रुपए का बोनस मिलेगा। इस खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के लिए केंद्र सरकार की ओर से ए-ग्रेड धान पर 1770 रुपये और कॉमन धान पर 1750 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। राज्य सरकार की ओर से 300 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने पर किसानों को प्रति क्विंटल 2070 रुपये और 2050 रुपये प्राप्त होंगे। इस प्रकार उन्हें प्रति क्विंटल 2000 रुपये से ज्यादा राशि मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्राथमिक सहकारी समितियों के उपार्जन केंद्रों में धान बेचने वाले किसानों को समर्थन मूल्य सहित बोनस की राशि ऑनलाइन दी जाएगी, जो उनके खाते में जमा हो जाएगी।

विधानसभा का विशेष सत्र 11 और 12 सितंबर को संभावित है। पहले दिन प्रदेश के दिवंगत राज्यपाल बलरामजी दास टंडन और छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी जाएगी। दूसरे दिन द्वितीय अनुपूरक पेश किया जाएगा।

मंत्रिपरिषद् ने 31 दिसंबर, 2016 तक भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत दर्ज वसूली योग्य 19 हजार 832 प्रकरणों को वनवासियों के व्यापक हित में अपलेखित (समाप्त) करने का भी निर्णय लिया। ये ऐसे प्रकरण है, जिनमें 20 हजार रुपए तक जुमार्ने का प्रावधान है। अपलेखित करने पर अब यह जुर्माना उन्हें नहीं देना होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इसके पहले 30 जून 2004 की स्थिति में वन अधिनियम के तहत दर्ज इस प्रकार के दो लाख 57 हजार 226 प्रकरणों को भी अपलेखित (समाप्त) कर दिया था। इन प्रकरणों को समाप्त करने का निर्णय मंत्रिपरिषद की 14 अक्टूबर 2005 की बैठक में लिया गया था। इनमें 12 करोड़ 91 लाख रुपए की राशि का अपलेखन करते हुए वन अपराध के प्रकरणों को जनहित में समाप्त कर दिया गया था। इनमें से कई प्रकरण 50 वर्ष से भी पुराने थे। उस समय राज्य सरकार के इस फैसले से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के एक लाख 6 हजार 630 लोग लाभान्वित हुए थे।

बैठक में लिए गए निर्णय से अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लगभग 12 हजार लोगों को लाभ मिलने की संभावना है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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