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‘भारत बंद’ से त्रिपुरा में जन-जीवन प्रभावित

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अगरतला, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| ईंधन कीमतों में भारी वृद्धि के विरोध में विपक्षी कांग्रेस, वाम दलों और अन्य पार्टियों द्वारा सोमवार को आहूत भारत बंद से भाजपा शासित त्रिपुरा में जन-जीवन प्रभावित रहा। ज्यादातर बाजार, दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर निजी तथा यात्री वाहन नहीं दिखे। सरकारी कार्यालय और कुछ बैंक खुले रहे, लेकिन वहां उपस्थिति बहुत कम रही।

अगरतला आने-जाने वाली उड़ानों और पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की रेलगाड़ियों में यात्रियों की संख्या कम दिखी।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) के.वी. श्रीजेश ने आईएएनएस को बताया कि राज्य में कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।

काग्रेस और वाम दलों ने कहा कि भारत बंद व्यापक तौर पर सफल रहा, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि त्रिपुरा में जनता ने भारत बंद को नकार दिया।

विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन करने और सरकारी कार्यालयों के सामने अवरोध उत्पन्न करने के कारण कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

मणिपुर से लोकसभा सांसद थोकचोम मीन्या और असम के दो नेताओं वाजिद अली चौधरी तथा अब्दुर रऊफ को यहां गिरफ्तार कर लिया गया।

त्रिपुरा से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लोकसभा सांसद संकर प्रसाद दत्ता ने संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा और प्रदेश सरकार के भय के बावजूद राज्य की जनता ने एकजुट होकर ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के विरोध में भारत बंद का समर्थन किया।

हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया कि जनता ने भारत बंद को सिरे से नकार दिया, क्योंकि इससे उन्हें कोई लाभ नहीं होता।

भाजपा महासचिव प्रतिमा भौमिक ने आईएएनएस से कहा, सरकारी कार्यालयों और त्रिपुरा में ज्यादातर स्थानों पर कामकाज सामान्य रहा। राज्यभर में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है। हालांकि सार्वजनिक वाहनों के कम चलने के कारण सरकारी और अन्य कर्मी अपने कार्यालयों पर निजी वाहनों से गए।

उन्होंने कहा, एक राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर भाजपा हमेशा ही किसी प्रकार के बंद के खिलाफ रही है, क्योंकि पार्टी विकास और शांति के साथ-साथ आम आदमी और गरीब लोगों के भले को प्राथमिकता देती है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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