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प्रादेशिक

लखनऊः गोमतीनगर में प्लॉट का झांसा देकर करोड़ो की ठगी, केस दर्ज

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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां गोमतीनगर में विराटखंड स्थित आर संस इन्फ्रालैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालकों पर प्लॉट का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने आरोप लगा है। चिनहट के कमता अवधविहार कॉलोनी निवासी शिरोमणि पाठक ने करीब 5000 लोगों को ठगने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।

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पाठक का कहना है कि कंपनी संचालकों ने आसान मासिक किस्तों (ईएमआई) पर प्लॉट की योजना शुरू कर उनके अलावा अन्य लोगों से 65 से 70 करोड़ रुपये जमा कराए। अब कंपनी संचालक प्लॉट दे रहे हैं न ही रुपया लौटा रहे हैं।

प्रभारी निरीक्षक देवी प्रसाद तिवारी ने बताया पीड़ित शिरोमणि पाठक एक निजी कंपनी में मार्केटिंग का काम देखते हैं। उन्होंने आर संस इन्फ्रालैंड डवलपर्स कंपनी के गोसाईंगंज में रहमतनगर रेलवे क्रॉसिंग के पास जीवनदीप, प्रखर सिटी एक, प्रखर सिटी दो में भूखंड के विज्ञापन देखकर कार्यालय में संपर्क किया।

वहां शिरोमणि पाठक की मुलाकात कंपनी के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार श्रीवास्तव व अंकुर श्रीवास्तव के अलावा तरुण सिन्हा व कार्यालय अधीक्षक तरन्नुम से हुई। कंपनी संचालकों ने देवा रोड पर बड़ी टाउनशिप बनाने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वह एकमुश्त व ईएमआई पर प्लॉट बेचेंगे।

ईएमआई पर प्लॉट लेने वालों के लिए उन्होंने छह साल की योजना पर चर्चा की। शिरोमणि पाठक ने देवा रोड स्थित प्रखर सिटी वन योजना में 1000 वर्ग फुट का एक भूखंड बुक कराया, जिसकी कीमत 216000 रुपये बताई गई थी। जनवरी 2012 से उन्होंने प्लॉट की 3000 रुपये प्रति महीने की किस्त जमा करनी शुरू कर दी।

शिरोमणि ने कंपनी संचालकों के झांसे में आकर अपने रिश्तेदार नरोत्तम, राजीव, आजमगढ़ निवासी मनोज और सुनील मिश्रा सहित अन्य परिचितों की भी रकम लगवा दी। किसी ने एक प्लॉट तो किसी ने दो प्लॉट बुक कराए व ईएमआई देनी शुरू कर दी।

प्लॉट किसी को नहीं मिला। शिरोमणि का कहना है कि उन्होंने व रिश्तेदारों ने अपनी रकम वापस मांगी तो आशीष व अंकुर जान से मारने की धमकी देने लगे। उन्होंने मंगलवार संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी व जान की धमकी सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई।

दो महीने पहले हंगामा होने पर दिए चेक भी हो गए बाउंस प्लॉट या अपने रुपयों की मांग कर रहे पीड़ितों ने दो महीने पहले कंपनी के कार्यालय में हंगामा भी किया था। शिरोमणि पाठक ने बताया कि आशीष और अंकुर श्रीवास्तव को पकड़कर पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दे दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो कंपनी संचालकों ने नवीन कुमार सिंह और अलंकार सिन्हा समेत कई लोगों को चेक दिए थे। हालांकि, सभी के चेक बाउंस हो गए।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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