प्रादेशिक
पटना : 5वीं की छात्रा के साथ प्रिंसिपल और शिक्षक ने किया रेप, गिरफ्तार
हमारे देश में रेप जैसी घटनाओं पर सरकार कानून पर कानून ला रही हैं। लेकिन ऐसी घटनाएं रोकने का नाम नहीं ले रही है। आये दिन अख़बार और न्यूज़ चैनल पर आपको ऐसी खबरें देखने को मिलती होगी। राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है।
Patna: Principal and clerk of a school in Phulwari Sharif have been arrested for allegedly raping a class 5th student for over a period of 9 months, during which she also got pregnant. Medical examination of the victim will be conducted today. Investigation underway. #Bihar
— ANI (@ANI) 20 September 2018
यहां स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षक ने 5वीं कक्षा की छात्रा के साथ नंबर बढ़ाने के नाम पर 9 महीने तक रेप करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि स्कूल का ही प्रिंसिपल बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाता रहा। मामले में खुलासा उस वक्त हुआ जब बच्ची गर्भवती हो गई। पीड़िता के परिजनों ने आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किये गये दोनों आरोपियों का जब मोबाइल खंगाला तो देख कर दंग रह गई। दरअसल दोनों आरोपियों के मोबाइल में पीड़िता के साथ उनकी कई तस्वीरें और सेल्फियां थीं।
Patna: Principal and clerk of a school in Phulwari Sharif have been arrested for allegedly raping a class 5th student for over a period of 9 months, during which she also got pregnant. Principal says, ‘I haven’t done anything. Medical examination will establish everything’.#Bihar pic.twitter.com/Gh04ZJRv2H
— ANI (@ANI) 20 September 2018
जब परिवार वालों को इसका पता चला तो उन्होंने पुलिस की मदद ली। बाद में शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों का नाम राज सिंघानिया उर्फ अरविंद कुमार (प्रिंसिपल) और अभिषेक है। फिलहाल प्रिंसिपल अपने ऊपर लग रहे सभी आरोपों को खारिज कर रहा है।
बिहार में ये इस तरह की दूसरी घटना है। इससे पहले जुलाई में छपरा से ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया था। स्कूल की लड़की ने प्रिंसिपल, दो टीचर और 16 सीनियर क्लास के बच्चों पर आठ महीनों तक लगातार रेप करने का आरोप लगाया। इस मामले में प्रिंसिपल और टीचर फिलहाल जेल में हैं।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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